चौथे प्रयास में मंजिल तक पहुंचे फरमान

फरमान अहमद ने चौथे प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 07:24 PM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 07:16 AM (IST)
चौथे प्रयास में मंजिल तक पहुंचे फरमान
चौथे प्रयास में मंजिल तक पहुंचे फरमान

महावीर यादव, बादशाहपुर (गुरुग्राम)

यदि लक्ष्य को सामने रखकर जोश व जुनून के साथ प्रयास किया जाए तो सफलता तय है। आवश्यकता है लगातार प्रयास करते रहने की, छोटी-मोटी बाधाएं यदि आएं भी तो घबराने की नहीं। इस विचार को अपनी मेहनत से फरमान अहमद ने प्रमाणित कर दिया है। आखिरकार चौथे प्रयास में उन्होंने मंजिल हासिल कर ही ली। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 258वां स्थान हासिल किया है।

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के कस्बा पाली निवासी व गुरुग्राम जिले के बादशाहपुर एसडीएम कार्यालय में उप-अधीक्षक रफी अहमद के बेटे फरमान अहमद तीन बार मुख्य परीक्षा में लगातार सफल होने के बाद भी मंजिल तक नहीं पहुंच पाए थे। इस बार उन्हें पूरा विश्वास था कि सफलता हासिल होगी ही, बस कुछ और अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है। उन्होंने एक निजी संस्थान से कोचिग लेनी शुरू की। प्रतिदिन औसतन आठ घंटे लगातार पढ़ाई की। पहले भी इसी तरह आठ से नौ घंटे की पढ़ाई करते थे, लेकिन जो कमी रह जाती थी वह कोचिग लेने से पूरी हो गई। उनका कहना है कि उनके पिता रफी अहमद, मां खुशनुमा खान, भाई आफताब अहमद, भाभी शबनूर खान, बहन निसबत खान एवं भतीजी शरहा ने हौसला बढ़ाया। सभी कहते थे कि आपको पीछे नहीं हटना, एक दिन सफलता तय है। सभी का सपना साकार हो गया। पिता रफी अहमद कहते हैं कि बेटे ने परिवार, समाज व प्रदेश का नाम रोशन कर दिया। उसने एक नहीं बल्कि हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश दोनों का नाम रोशन दिया है। भले ही जन्मभूमि उत्तर प्रदेश है लेकिन कर्मभूमि हरियाणा है। वह परिवार सहित सूर्य विहार में रहते हैं। ढांचागत विकास पर रहेगा जोर

महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से बीटेक की भी डिग्री हासिल करने वाले फरमान अहमद कहते हैं कि संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने के बाद अब वह अपनी इच्छा के मुताबिक काम करेंगे। उनकी इच्छा है ढांचागत विकास पर जोर देने की। जब तक ढांचागत विकास पर जोर नहीं दिया जाएगा तब तक तेजी से तरक्की संभव नहीं। जो भी उन्हें जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे वह पूरी ईमानदारी से निभाएंगे। समाज की बेहतरी के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। सबसे अधिक उनका जोर शिक्षा के ऊपर रहेगा। शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है, जिसके सहारे किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

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