अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के प्रयासों की यूएन महासचिव ने की तारीफ

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आइएसए) मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 76 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में जलवायु परिवर्तन पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में जलवायु परिवर्तन विषय के साथ ही संयुक्त राष्ट्र के गठन के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 05:20 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 05:20 PM (IST)
अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के प्रयासों 
की यूएन महासचिव ने की तारीफ
अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के प्रयासों की यूएन महासचिव ने की तारीफ

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आइएसए) मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 76 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में जलवायु परिवर्तन पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में जलवायु परिवर्तन विषय के साथ ही संयुक्त राष्ट्र के गठन के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि भारत ने अपनी महत्वपूर्ण एवं सामयिक जलवायु नीतियों के बल पर जलवायु परिवर्तन से निबटने में वैश्विक नेतृत्व प्रदान किया है। इस समय भारत जलवायु लक्ष्यों की प्राप्ति की और अग्रसर है। अक्षय ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता के मामले में भारत अपनी कुल क्षमता के करीब 37 प्रतिशत यानी 141 गीगावाट के साथ विश्व में पांचवें स्थान पर है।

मुख्य अतिथि के रूप में शरीक हुए केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री भगवंत खूबा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के साथ भारत विश्व शांति की दिशा में लगातार प्रयासरत है। वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिए काफी काम करने की आवश्यकता है। देश अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 2030 तक के लक्ष्य को सामने रखकर काम रहा है।

देश में संयुक्त राष्ट्र की ओर से कार्यरत डा. यास्मीन अली हक ने कहा कि भारत गरीबी की दर को आधा कर और तेजी से लाखों लोगों के लिए घरों में रोशनी एवं ईंधन की व्यवस्था करके इतिहास रच चुका है। स्वच्छता पर भी काफी काम किया गया है। भारत ने सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में असाधारण प्रगति की है। अब जलवायु परिवर्तन को लेकर भी इतिहास रचने को तत्पर है।

आइएसए के महानिदेशक डा. अजय माथुर ने कहा कि सौर ऊर्जा से विश्व के कई हिस्सों में सस्ती बिजली उपलब्ध हो रही है। आगामी दिनों में अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ बनाना होगा, जिससे किफायती लागत पर 24 घंटे सौर बिजली मिल सके।

इस मौके पर भारत में जलवायु के क्षेत्र में मार्गदर्शक कुछ युवाओं गर्विता गुलाटी, निधि पंत एवं संजू सोमन सहित कई नीति निर्धारकों के साथ केंद्रीय मंत्री ने संवाद भी किया। बता दें कि भारत ने 26 जून 1945 को सान फ्रांसिस्को में संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर हस्ताक्षर किया था। चार्टर 24 अक्टूबर 1945 को लागू हुआ था। तबसे हर वर्ष उसी तिथि को विश्व भर में संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाया जाता है।

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