कुपोषण को समाप्त करने के लिए जन आंदोलन जरूरी: डा. मुंजपारा

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डा. मुंजपारा महेन्द्र ने यह बात पचगांव स्थित एमिटी विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा द्वारा राज्यस्तरीय समारोह में कही।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 05:34 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 05:53 PM (IST)
कुपोषण को समाप्त करने के लिए जन आंदोलन जरूरी: डा. मुंजपारा
कुपोषण को समाप्त करने के लिए जन आंदोलन जरूरी: डा. मुंजपारा

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डा. मुंजपारा महेन्द्र ने कहा कि कुपोषण के खात्मे को लेकर जन आंदोलन खड़ा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्री ने यह बात पचगांव स्थित एमिटी विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा द्वारा राज्यस्तरीय समारोह में कही। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के समारोह को चार विषयगत सप्ताहों में विभाजित किया गया है। इनमें पोषण वाटिका का रोपण, पोषण के लिए आयुष और योग, पोषण किट का वितरण व गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की पहचान के साथ उनको पोषण सहायता प्रदान करना शामिल है। उन्होंने कहा कि पोषण को सुनिश्चित करने के लिए हमारे चारों को ओर पोषण से भरपूर उत्पादों की बहुलता है।

केंद्रीय राज्यमंत्री बृहस्पतिवार को इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने की। केंद्रीय मंत्री ने पोषण जागरण रथ को झंडी दिखाकर रवाना किया। डा. मुंजपारा ने कहा कि पोषण वाटिका की स्थापना यह सुनिश्चित करने की दिशा में कदम है कि आंगनबाड़ियों, स्कूलों, ग्राम पंचायतों, सामुदायिक भूमि और सरकारी विभागों के परिसरों में पोषक उद्यान लगाकर महिलाओं और बच्चों को मौसमी फल, सब्जियां और जड़ी-बूटियां सस्ती उपलब्ध हों। पारंपरिक ज्ञान और आयुष की क्षमता का उपयोग समुदाय की बेहतरी के लिए किया जाए।

बता दें कि पोषण अभियान के पहले चरण में हरियाणा के दो जिलों- नूंह व पानीपत को शामिल किया गया और दूसरे चरण में 10 जिलों- भिवानी, गुरुग्राम, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, पलवल, रोहतक, सिरसा व सोनीपत को शामिल किया गया है। अब तीसरे चरण में प्रदेश के शेष बचे जिलों को शामिल किया जा रहा है। प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषण व एनीमिया (शरीर में रक्त की कमी) को दूर करने और बुनियादी सुविधाओं की जमीनी स्तर की स्थिति का आकलन करने के लिए पीजीआइएमएस रोहतक की टीम से सर्वे कराया गया जिसके आधार पर अब आंगनबाड़ी केंद्रों में सुधार किए जा रहे हैं।

दोनों मंत्रियों ने विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण किया। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास हरियाणा की प्रधान सचिव डा. जी अनुपमा, निदेशक हेमा शर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, एसडीएम अंकिता चौधरी, विभाग के संयुक्त निदेशक हितेन्द्र शर्मा व राजबाला कटारिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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