सफाई के नाम पर सड़कों पर लगा रहे गंदगी के ढेर

स्वच्छता रैंकिग में नंबर वन होने का दावा करने वाले निगम अधिकारी निजी सफाई एजेंसियों की मनमानी पर रोक नहीं लगा पा रहे हैं। नतीजन शहर की सड़कों पर गंदगी के ढेर लग गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 04:13 PM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 04:15 PM (IST)
सफाई के नाम पर सड़कों पर लगा रहे गंदगी के ढेर
सफाई के नाम पर सड़कों पर लगा रहे गंदगी के ढेर

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: स्वच्छता रैंकिग में नंबर वन होने का दावा करने वाले निगम अधिकारी निजी सफाई एजेंसियों की मनमानी पर रोक नहीं लगा पा रहे हैं। नतीजन, शहर की सड़कों पर गंदगी के ढ़ेर लग गए हैं। सफाई व्यवस्था ठीक नहीं है और मनमर्जी से सड़कों के किनारे खुले में ओपन डंपिग प्वाईंट यानी खत्ते बना दिए गए हैं। अगर ऐसे ही हालात रहे तो रैंकिग में नंबर वन तो दूर टाप-10 स्वच्छ शहरों की दौड़ भी गुरुग्राम के लिए आसान नहीं होगी।

निगम की ओर से निजी एजेंसियों को जून माह में सफाई का कार्य अलाट किया गया था, लेकिन चार महीने के बावजूद इन एजेंसियों की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हुआ है। शहर के सेक्टर सात एक्सटेंशन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने, न्यू कालोनी मोड़, कबीर भवन चौक, भीम नगर, मदनपुरी, पटौदी रोड, जैन मंदिर के नजदीक, खांडसा रोड, बसई रोड, सीही, नरसिंहपुर, मोहम्मदपुर झाड़सा सहित काफी अन्य जगहों पर गंदगी के ढेर लग चुके हैं।

एजेंसियों की नहीं हो रही है मानीटरिग

निजी एजेंसी साई एंटरप्राइजेज, आरके एंड कंपनी मैनपावर लिमिटेड, केसी एंटरप्राइजेज, प्रीमियर सिक्योरिटी एंड मैनपावर सर्विसेज और बालाजी इंजीनियर्स कंसल्टेंट्स को अलग-अलग जोन में काम दिया गया है। लेकिन सेनिटेशन विग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते एजेंसियों की मानीटरिग नहीं हो रही है। इनकी जांच कब करेंगे अधिकारी?

- टेंडर की शर्तों के मुताबिक सभी दस जोन में कुल 257 ट्रैक्टर और 20 जेसीबी सफाई के कामों के लिए लगाए जाने थे। लेकिन आधी भी मशीनरी नहीं है और बिल पूरे मंजूर हो रहे हैं।

- मशीनरी के बिलों का भुगतान से पहले वाहन की जीपीएस रिपोर्ट चेक करना जरूरी है। लेकिन ज्यादातर वाहनों में जीपीएस नहीं लगे हैं।

- हर साल सफाई व्यवस्था पर लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं, लेकिन इसका आडिट नहीं हो रहा है।

- मौके पर सफाईकर्मी कम मिलने पर सफाई एजेंसी पर जुर्माना लगाकर खानापूर्ति कर दी जाती है, लेकिन ब्लैकलिस्ट करने जैसी कार्रवाई नहीं की जाती है।

- ओपन डंपिग प्वाइंट यानी खत्तों को ढका नहीं गया है। सिर्फ दावे किए जा रहे हैं। - अगर कहीं पर भी गंदगी दिखाई देती है तो नागरिक इसकी शिकायत निगम कार्यालय में कर सकते हैं। निजी एजेंसियों के प्रतिनिधियों को सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं।

ऋषि मलिक, एसएसआइ, नगर निगम गुरुग्राम।

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