पचगांव के नजदीक स्थानांतरित किया जाएगा टोल प्लाजा

ट्रैफिक जाम के प्रतीक बने खेड़कीदौला टोल प्लाजा को पचगांव इलाके में केएमपी एक्सप्रेस-वे के नजदीक दिल्ली-जयपुर हाईवे पर स्थानांतरित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए लगभग 40 एकड़ भूमि चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 06:42 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 06:42 PM (IST)
पचगांव के नजदीक स्थानांतरित किया जाएगा टोल प्लाजा
पचगांव के नजदीक स्थानांतरित किया जाएगा टोल प्लाजा

आदित्य राज, गुरुग्राम

ट्रैफिक जाम के प्रतीक बने खेड़कीदौला टोल प्लाजा को पचगांव इलाके में केएमपी एक्सप्रेस-वे के नजदीक दिल्ली-जयपुर हाईवे पर स्थानांतरित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए लगभग 40 एकड़ भूमि चाहिए। हरियाणा राज्य औद्योगिक संरचना विकास निगम (एचएसआइआइडीसी) के पास पचगांव इलाके में सैकड़ों एकड़ जमीन है। जमीन भूमि उपलब्ध होते ही टोल प्लाजा को स्थानांतरित करने का काम जमीनी स्तर पर काम शुरू हो जाएगा।

दिल्ली-जयपुर हाईवे के खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर ट्रैफिक का दबाव इतना अधिक है कि सभी लेन में फास्टैग लागू किए जाने के बाद भी पीक आवर में यानी सुबह आठ बजे से 11 बजे के दौरान एवं शाम पांच बजे से रात आठ बजे के दौरान एक-एक किलोमीटर तक वाहनों की लाइनें लग जाती हैं। 16 फरवरी से पहले दोनों तरफ एक-एक कैश लेन थी। इसे खत्म किए जाने के बाद ट्रैफिक का दबाव और अधिक बढ़ गया है क्योंकि 10 से 15 फीसद वाहनों में फास्टैग की सुविधा नहीं। यही नहीं कुछ वाहन चालक फास्टैग रिचार्ज कराने के बारे में ध्यान नहीं रखते। ऐसे वाहनों के चालकों से दोगुना टोल वसूला जाता है।

कैश के रूप में टोल वसूली में समय लगता है। इससे लेनों में ट्रैफिक का दबाव बढ़ जाता है। इसे देखते हुए टोल प्लाजा स्थानांतरित करने की मांग तेज हो गई है। परेशान लोगों का मानना है कि टोल प्लाजा को हटाना ही समस्या का समाधान है क्योंकि वाहनों के दबाव के हिसाब से लेन कम हैं। बता दें कि टोल प्लाजा से प्रतिदिन औसतन 75 से 80 हजार वाहन निकलते हैं। इस हिसाब से लेनों की संख्या 35 से 40 के बीच में होनी चाहिए लेकिन केवल 25 हैं।

36 लेन का बनाया जाएगा टोल प्लाजा

दो साल पहले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने पचगांव इलाके में केएमपी एक्सप्रेस-वे के नजदीक टोल प्लाजा बनाने की योजना बनाई थी। उसके मुताबिक 36 लेन का टोल प्लाजा होगा। इतनी लेन से प्रतिदिन औसतन 70 से 80 हजार वाहन आसानी से निकल सकेंगे। जहां पर टोल प्लाजा बनाया जाना है वह जगह मानेसर से जयपुर की तरफ है।

अनुमान के मुताबिक वहां से फिलहाल प्रतिदिन औसतन 35 से 40 हजार वाहन ही निकलते हैं क्योंकि वाहनों का अधिकतर दबाव मानेसर तक ही है। ऐसे में अगले कई सालों तक टोल प्लाजा पर वाहनों का दबाव नहीं दिखाई देगा। बता दें कि कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मानेसर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि अगले छह महीने के भीतर खेड़कीदौला से टोल प्लाजा हटा दिया जाएगा।

खेड़कीदौला टोल प्लाजा स्थानांतरित किए जाने के बारे में प्रारंभिक तैयारी शुरू कर दी गई है। जमीन उपलब्ध होने के बाद जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया जाएगा। जहां तक खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर ट्रैफिक के दबाव का सवाल है तो इसे कम करने की दिशा में भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

--शशिभूषण, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ

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