केवल अधिकारियों के भरोसे होने से मानेसर नगर निगम में बढ़ रहे घोटाले

24 दिसंबर 2020 को मानेसर नगर निगम का गठन किया गया था। उस समय लोगों को उम्मीद थी कि ग्राम पंचायत से बेहतर कार्य नगर निगम में होंगे। लेकिन नगर निगम में कार्य होने के बजाय लगातार घोटाले हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 05:11 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 05:16 PM (IST)
केवल अधिकारियों के भरोसे होने से  मानेसर नगर निगम में बढ़ रहे घोटाले
केवल अधिकारियों के भरोसे होने से मानेसर नगर निगम में बढ़ रहे घोटाले

जागरण संवाददाता, मानेसर: 24 दिसंबर 2020 को मानेसर नगर निगम का गठन किया गया था। उस समय लोगों को उम्मीद थी कि ग्राम पंचायत से बेहतर कार्य नगर निगम में होंगे। लेकिन लोगों की उम्मीद के विपरीत नगर निगम में कार्य होने के बजाय लगातार घोटाले हो रहे हैं। आम आदमी तो दूर क्षेत्र के विधायक को ही जांच की मांग करनी पड़ी है। उन्होंने निगम की विभिन्न शाखाओं में कार्यरत अधिकारियों पर घोटाले का आरोप लगाते हुए उन्हें आगे किसी जिम्मेदारी से दूर रखने को निगमायुक्त से कहा है।

विधायक द्वारा निगमायुक्त के नाम लिखे पत्र में सिविल शाखा, इलेक्ट्रिक शाखा में कार्यरत अधिशासी कुछ अधिकारियों की ठेकेदारों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया गया है। नगर निगम आयुक्त मुनीश शर्मा से जब इस मामले में बात करने की कोशिश की गई तो न तो वह कार्यालय नहीं मिले, और न उनका फोन काल रिसीव हुई। दूसरी ओर इस हलचल के बाद क्षेत्र के लोगों द्वारा निगम की एडवाइजरी कमेटी का गठन करने और जल्द ही चुनाव कराने की मांग की गई है।

विधायक के आरोप

- निगम गठन से 30 सितंबर तक लाखों रुपये का विज्ञापन घोटाला

- गठन के बाद से 25 अक्टूबर तक इलेक्ट्रिक संबंधित कार्यों में घोटाला

- सिविल शाखा में गठन से 30 सितंबर तक ठेकेदारों से मिलकर घोटाला किया गया, डिवीजन-एक में 1 से 25 तक लगे टेंडरों की जांच की जाए।

नगर निगम में एडवाइजर कमेटी का गठन करने के लिए करीब आठ महीने पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की थी। लोग अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए भटकते रहते हैं। अधिकारी कार्यालय में नहीं मिलते और जनप्रतिनिधियों का चुनाव नहीं हुआ है। जल्द चुनाव प्रक्रिया शुरू की जानी और तब तक एडवाइजरी कमेटी बनाई जानी चाहिए।

मनोज यादव

विधायक सत्यप्रकाश जरावता द्वारा नगर निगम कार्यालय में घोटाले का पर्दाफाश किया गया है। दस महीने से अधिकारियों के भरोसे होने से अधिकारियों को न तो किसी को जवाब देना और न ही किसी की शिकायत सुननी। क्षेत्र में समस्याओं से रोजाना लोगों को परेशान होना पड़ रहा है और कई अधिकारी घोटाले कर रहे हैं। जल्द ही निगम के चुनाव कराने चाहिए।

सुंदरलाल यादव, अध्यक्ष, सरपंच एसोसिएशन गुरुग्राम मैंने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात की है। ठेकेदारों की मिलीभगत से हुए घोटालों के बारे में मैंने उनको जानकारी दे दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी घोटालों की जांच कराई जाएगी और सभी जांच रिपोर्ट उनको सौंपी जाएंगी। किसी भी सूरत में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

सत्यप्रकाश जरावता, विधायक, पटौदी

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