सिरे नहीं चढ़ी रियासतकालीन परिधानों के म्यूजियम की बात

सेक्टर-44 स्थित अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एईपीसी) परिसर में आजादी से पूर्व की 562 देसी रियासतों में प्रचलित परिधानों और उनकी विशेषता से वर्तमान और आने वाली पीढि़यों को अवगत कराने के लिए एक म्यूजियम स्थापित करने की योजना बनाई गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 06:00 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 06:00 PM (IST)
सिरे नहीं चढ़ी रियासतकालीन परिधानों के म्यूजियम की बात
सिरे नहीं चढ़ी रियासतकालीन परिधानों के म्यूजियम की बात

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: सेक्टर-44 स्थित अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एईपीसी) परिसर में आजादी से पूर्व की 562 देसी रियासतों में प्रचलित परिधानों और उनकी विशेषता से वर्तमान और आने वाली पीढि़यों को अवगत कराने के लिए एक म्यूजियम स्थापित करने की योजना बनाई गई थी। इस प्रकार के म्यूजियम को स्थापित करने का प्रस्ताव 31 अक्टूबर, 2018 को तत्कालीन केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने एईपीसी में दिया था। मगर अभी तक इस दिशा में कोई बात आगे बढ़ती नहीं दिख रही है।

इस दौरान कहा गया था कि नई पीढ़ी को रियासतकालीन परिधानों के ट्रेंड एवं उनकी विशेषताओं से रूबरू कराने में मदद मिलेगी। साथ ही राष्ट्रीय एकीकरण में देश के प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान से लोगों को अवगत कराना भी इसका उद्देश्य बताया गया था। बता दें कि पटेल ने 562 रियासतों का देश में विलय कराया था।

तत्कालीन केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने एईपीसी पदाधिकारियों से इस प्रकार के म्यूजियम को तैयार करने को कहा था। उन्होंने कहा था कि एईपीसी के लिए यह कोई कठिन कार्य नहीं है। क्योंकि यह कपड़ा उद्योग से जुड़ा हुआ है। यहां आजादी से पूर्व रियासतों में प्रचलित परिधानों का संकलन कर सकते हैं।

उद्योग विहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिमेश सक्सेना का कहना है कि इस योजना को लेकर अभी तक बात आगे नहीं बढ़ती दिख रही है। इस प्रकार के म्यूजियम के बनने से वस्त्रों के जरिए देश इतिहास और उनके विकास के क्रम से लोगों को अवगत कराया जा सकता है। उम्मीद है कि इस दिशा में जल्द ही कदम आगे बढ़ाया जाएगा।

chat bot
आपका साथी