मानेसर निगम के सफाईकर्मियों ने दिया धरना

नगर निगम मानेसर के सफाईकर्मियों ने मंगलवार से मानेसर नगर निगम कार्यालय के बाहर धरना शुरू किया है। नगरपालिका कर्मचारी संघ के बैनर तले एकत्रित हुए सफाईकर्मियों ने कहा कि यह धरना कुछ दिन तक दोपहर के समय दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 04:59 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 04:59 PM (IST)
मानेसर निगम के सफाईकर्मियों ने दिया धरना
मानेसर निगम के सफाईकर्मियों ने दिया धरना

जागरण संवाददाता, मानेसर: नगर निगम मानेसर के सफाईकर्मियों ने मंगलवार से मानेसर नगर निगम कार्यालय के बाहर धरना शुरू किया है। नगरपालिका कर्मचारी संघ के बैनर तले एकत्रित हुए सफाईकर्मियों ने कहा कि यह धरना कुछ दिन तक दोपहर के समय दिया जाएगा। संघ के सचिव हितेश ने बताया कि अगर नगर निगम मानेसर के अधिकारियों द्वारा उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जाता है तो जल्द ही हड़ताल की जाएगी। नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान ब्रह्मजीत ने बताया कि मानेसर नगर निगम क्षेत्र में पिछले तीन महीने से सफाईकर्मियों को तनख्वाह नहीं दी गई है। इसके अलावा सरकार की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों के तहत भी कार्य नहीं किया जा रहा है। ठेकेदार बदलने पर कर्मचारियों को भी बदल दिया जाता है। इस दौरान काफी सफाईकर्मियों के साथ ट्यूबवेल आपरेटर और चौकीदार भी मौजूद रहे।

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को दिया मांगपत्र

जागरण संवाददाता, मानेसर: गांव मानेसर और आसपास के गांवों के लोगों ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से क्षेत्र में गिरते भूजल स्तर को सुधारने की मांग की है। इसके लिए ग्रामीणों की तरफ से केंद्रीय मंत्री को मांगपत्र सौंपा है। गांव मानेसर के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश यादव ने बताया कि केंद्रीय मंत्री से इस बारे में चर्चा की गई थी तो उन्होंने लिखित में देने की बात कही और इसका स्थायी समाधान निकालने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में गिरता जलस्तर सबसे बड़ा मुद्दा है। कई बार अधिकारियों से मांग कर चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। पूर्व सरपंच ओमप्रकाश यादव ने बताया कि मानेसर गांव और पूरा क्षेत्र नहरी पानी की पहुंच से काफी दूर है। यहां केवल जमीनी पानी ही इस्तेमाल में लिया जाता है। लगातार भूजल दोहन होने से भूजल स्तर भी काफी नीचे जाने लगा है। मानेसर औद्योगिक क्षेत्र से हर साल बरसात के दिनों में नालों के माध्यम से बारिश का पानी जाता है।

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