निगम में शामिल हुए नए गांवों को नहरी पेयजल का इंतजार
गुरुग्राम नगर निगम में शामिल किए गए नए गांवों को नहरी पेयजल का इंतजार है। फिलहाल इन गांवों के घरों में बोरवेल से पेयजल की आपूर्ति हो रही है। दिसंबर 2020 में 16 गांव नगर निगम के दायरे में शामिल किए गए थे।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: गुरुग्राम नगर निगम में शामिल किए गए नए गांवों को नहरी पेयजल का इंतजार है। फिलहाल इन गांवों के घरों में बोरवेल से पेयजल की आपूर्ति हो रही है। दिसंबर 2020 में 16 गांव नगर निगम के दायरे में शामिल किए गए थे। इनमें से ज्यादातर गांवों तक नहरी पानी नहीं पहुंचा है। तेजी से हो रहे जल दोहन के कारण बोरवेल भी सूखने लगे हैं और भूजल स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
नए गांवों के साथ ही निगम के अधीन पुराने गांवों में भी पूरी तरह नहरी पानी नहीं पहुंचा है। पर्याप्त पेयजल आपूर्ति के लिए बोरवेल का सहारा लेना पड़ रहा है। शहर व आसपास के क्षेत्र में लगभग 600 बोरवेल चल रहे हैं। नगर निगम ने लगभग तीन साल पहले नहरी पानी की आपूर्ति बढ़ाने और बोरवेल को बंद करने का निर्णय लिया था, लेकिन फिलहाल यह काम नहीं हो पाया है। बिछाना होगा लाइन का नेटवर्क: नगर निगम का दायरा बजघेड़ा से लेकर भोंडसी तक हो चुका है। पुराने शहर व नए शहर के सेक्टरों व कालोनियों तक तो नहरी पानी की पहुंच है, लेकिन बाहरी क्षेत्रों तक पेयजल लाइनों का नेटवर्क नहीं है। मुख्य पेयजल लाइनें जीएमडीए के अधीन हैं। सभी गांवों तक नहरी पेयजल आपूर्ति देने के लिए लाइनें बिछानी होगी। इसके साथ ही काफी बिल्डर सोसायटी भी फिलहाल बोरवेल के पानी पर ही आश्रित हैं। नगर निगम के कार्यकारी अभियंता विशाल गर्ग ने बताया कि घाटा गांव में बूस्टिंग स्टेशन लगभग तैयार हो चुका है। दो माह में वहां पर नहरी पेयजल की आपूर्ति होने लगेगी। इसके अलावा निगम में शामिल किए गए नए गांवों में भी विकास कार्य करवाने और नहरी पेयजल पहुंचाने का खाका तैयार किया जा रहा है। ये 16 गांव हुए थे निगम में शामिल: नगर निगम में बजघेड़ा, मोहम्मदहेड़ी, दौलताबाद, धनकोट, उल्लावास, बहरामपुर,भोंडसी, कादरपुर, बाबुपुर, धर्मपुर, खेड़की माजरा, पलड़ा, नंगली उमरपुर, धुमसपुर, नया गांव और मैदावास को शामिल किया गया है।