कोविड-19 के नए वैरिएंट ने बढ़ाई उद्योग जगत की चिता

उद्यमियों का कहना है कि अभी जहां औद्योगिक कामकाज ट्रैक पर आता दिख रहा था उसके फिर से बेपटरी होने की आशंका बनने लगी है। अमेरिका और यूरोप के देशों में इससे लाकडाउन का खतरा मंडराता दिख रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 08:09 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 08:20 PM (IST)
कोविड-19 के नए वैरिएंट ने बढ़ाई उद्योग जगत की चिता
कोविड-19 के नए वैरिएंट ने बढ़ाई उद्योग जगत की चिता

यशलोक सिंह, गुरुग्राम

दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमीक्रोन के प्रकाश में आने के बाद से दुनिया भर में एक बार फिर से भय का वातावरण बनता दिख रहा है। इससे इस समय सबसे अधिक परेशान उद्योग जगत है। उद्यमियों का कहना है कि अभी जहां औद्योगिक कामकाज ट्रैक पर आता दिख रहा था उसके फिर से बेपटरी होने की आशंका बनने लगी है। अमेरिका और यूरोप के देशों में इससे लाकडाउन का खतरा मंडराता दिख रहा है। पहले से ही यूरोप आंशिक लाकडाउन की स्थिति बनी हुई थी। ऐसे में यदि नए वैरिएंट के संक्रमण में विस्तार हुआ तो औद्योगिक आयात-निर्यातक नकारात्मक रूप से प्रभावित होगा। इससे एक ओर जहां विदेशी आर्डर में गिरावट आएगी वहीं कच्चे माल का आयात भी बाधित होगा।

गुरुग्राम वस्त्र निर्यात का बढ़ा हब है। यहां की औद्योगिक इकाइयों में तैयार परिधानों को यूरोप और अमेरिका के विभिन्न देशों में निर्यात किया जाता है। यहां के देशों में मार्केट के पटरी पर आने के बाद बायर्स द्वारा बड़े स्तर पर निर्यातकों को आर्डर दिए गए हैं। ऐसे में उद्यमियों का कहना है कि यदि अमेरिका और यूरोप के देशों में कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर यदि संकट बढ़ता है तो आर्डर को डिले करने या कैंसिल करने जैसी स्थिति बन सकती है। अभी कम मार्जिन पर काम कर रहे वस्त्र निर्यातकों पर बड़ी मार पड़ सकती है।

उद्योग विहार इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष तथा वस्त्र निर्यातक अनिमेश सक्सेना का कहना है कि उद्योग खासकर वस्त्र निर्यात उद्योग एक साथ कई प्रकार की चुनौतियों से जूझ रहा है। ऐसे में कोरोना के नए वैरिएंट से सबसे बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। यूरोप में बाजार खुलने के बाद ही वहां के बायर्स द्वारा आर्डर दिए गए हैं। इसमें किसी प्रकार की अड़चन आती है तो निर्यातकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष, प्रवीण यादव बताते हैं कि चीन, नीदरलैंड, जर्मनी, फ्रांस, आस्ट्रेलिया, चेक रिपब्लिक, नार्वे, स्पेन, स्लोवाकिया, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, न्यूजीलैंड सहित अन्य देशों से आयात-निर्यात अधिक होते हैं। यदि यहां किसी प्रकार का संकट आया तो औद्योगिक तथा कारोबारी महौल पर बुरा असर पड़ेगा। हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के चेयरमैन किशन कपूर का कहना है कि वस्त्र निर्यात के अलावा लेदर, फर्नीचर और आटोमोबाइल उपकरण का सबसे अधिक आयात-निर्यात गुरुग्राम से किया जाता है।

कोविड-19 के नए वैरिएंट का संक्रमण दुनिया के देशों में बढ़ा तो औद्योगिक वातावरण बिगड़ सकता है। सुधार की ओर कदम बढ़ा रहे उद्योग जगत के लिए यह बड़ी चिता का विषय है। आने वाले दिनों में इसे लेकर क्या स्थिति बन सकती है इसका आकलन किया जा रहा है। संक्रमण को रोकने के लिए सख्ती भी जरूरी है। इस सख्ती का असर उद्योगों पर भी पड़ना तय है।

दीपक मैनी, महासचिव, फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री, हरियाणा

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