सीएम दरबार में पहुंचा पलवल तहसील का मामला
विकास की गति को तेज करने के लिए जमीन के बंटवारे की प्रक्रिया यानी तकसीम छह महीने के भीतर पूरा करने के बारे में प्रदेश सरकार के आदेश का तहसीलों में अधिक असर नहीं दिख रहा है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: विकास की गति को तेज करने के लिए जमीन के बंटवारे की प्रक्रिया यानी तकसीम छह महीने के भीतर पूरा करने के बारे में प्रदेश सरकार के आदेश का तहसीलों में अधिक असर नहीं दिख रहा है। तहसीलों में पुराने ढर्रे पर ही काम हो रहा है। इस बारे में गोल्फ कोर्स रोड स्थित मैगनोलियास सोसायटी में रहने वाले बालाजी ग्रुप के चेयरमैन विनोद मित्तल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से शिकायत करते हुए कहा कि तहसीलों के इस रवैये से विकास कैसे होगा।
शिकायत के मुताबिक पहले तकसीम करने की कोई सीमा निर्धारित नहीं थी। इस वजह से तकसीम का काम पांच से 10 साल में भी नहीं होता था। इससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे थे। प्रदेश सरकार ने इसकी गंभीरता को समझते हुए समय सीमा के भीतर ही तकसीम का नोटिफिकेशन पिछले साल जारी कर दिया। इसके बाद भी व्यक्तिगत स्वार्थ में अधिकारी व कर्मचारी फाइलों में दिलचस्पी नहीं ले रहे। उनका कहना है कि कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए उनकी पत्नी सुनीता मित्तल ने पलवल जिले के गांव धतीर में जमीन खरीदी है। जमीन में कई लोगों की हिस्सेदारी है। ऐसे में जमीन की तकसीम आवश्यक है। तकसीम के बाद ही जमीन को विकसित करने के लिए सरकार को आवेदन दिया जा सकता है।
तकसीम के लिए पलवल तहसील कार्यालय में इस साल 11 जनवरी को आवेदन डाला था। चार महीने बीतने के बाद भी मामले में एक कदम भी बात आगे नहीं बढ़ी है। बात करने पर अधिकारी कोविड-19 का बहाना बनाते हैं। उन्हीं की तरह सैकड़ों लोगों के मामले तहसील कार्यालयों में लटके हुए हैं। जब जमीन उपलब्ध होगी तभी तो कारोबार का विस्तार या नया कारोबार शुरू होगा। जमीन उपलब्ध होते ही शुरू होगा कारोबार का विस्तार: विनोद मित्तल का कहना है कि गांव धतीर में ही उनकी वीएसएम फूड कोल्ड चेन नाम से कंपनी है। उसी का न केवल वहां पर विस्तार करना चाहते हैं बल्कि वेयरहाउस से लेकर लाजिस्टिक पार्क तक बनाना चाहते हैं। वह प्रदेश के भीतर ही अपने कारोबार का विस्तार करना चाहते हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके। हरियाणा में अधिकतर परिवारों की जमीन संयुक्त है यानी भाइयों में जमीन का बंटवारा नहीं है। इस वजह से जमीन खरीदने में परेशानी होती है। जब तक तकसीम नहीं होगी, तब तक जमीन का बंटवारा नहीं किया जा सकता। बिना तकसीम के जमीन पर विकास कार्य शुरू नहीं कर सकते। इस बारे में पलवल के जिला उपायुक्त नरेश नरवाल का कहना है कि तहसील कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी कोविड पाजिटिव हैं। उनके ठीक होते ही शिकायत का समाधान कराया जाएगा।