जगमग योजना भी नहीं ला पाई लाइनलास को लाइन पर

बिजली निगम में लगातार बढ़ते लाइनलास (आपूर्ति के दौरान बिजली का नुकसान) को रोकने के लिए बिजली निगम ने दो साल पहले जगमग योजना शुरू की। इस योजना के तहत बिजली चोरी रोककर लाइनलास पर काबू पाना था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 08:24 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 08:28 PM (IST)
जगमग योजना भी नहीं ला पाई लाइनलास को लाइन पर
जगमग योजना भी नहीं ला पाई लाइनलास को लाइन पर

महावीर यादव, बादशाहपुर (गुरुग्राम)

बिजली निगम में लगातार बढ़ते लाइनलास (आपूर्ति के दौरान बिजली का नुकसान) को रोकने के लिए बिजली निगम ने दो साल पहले 'जगमग योजना' शुरू की। इस योजना के तहत बिजली चोरी रोककर लाइनलास पर काबू पाना था। जिले के 560 फीडरों में से 250 फीडर को जगमग योजना के तहत लिया गया। इस योजना के लागू होने के बाद भी लाइनलास लाइन पर नहीं आ पा रहा है। बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला लाइनलास को पांच फीसद पर लाना चाहते हैं। मार्च माह में बिजली निगम के अधिकारियों को इस लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

बिजली निगम के अधिकारियों ने लाइनलास कम करने के लिए दो दिन तक बिजली चोरों के खिलाफ ताबड़तोड़ अभियान चलाया। इस अभियान के माध्यम से लाइनलास को कम कर लाइन पर लाने का कार्यक्रम बनाया गया। सर्कल के हिसाब से आंकड़ों को बेहतर तरीके से पेश कर लाइनलास को कम दर्शा दिया जाता है। अगर निगम के इन आंकड़ों को ही गौर से देखा जाए तो उन फीडर पर लाइनलास सबसे ज्यादा है। जहां बिजली चोरी रोकने और लाइनलास कम करने के लिए जगमग योजना शुरू की गई थी। इधर का हिसाब, उधर से बराबर

गुरुग्राम में बिजली निगम के दो सर्कल हैं। सर्कल-वन में 2019 में लाइनलास 7.24 फीसद था जबकि यह 2020 में घटकर 6.29 फीसदी हो गया। इन आंकड़ों के आधार पर तो अधिकारी खुद वाहवाही लूट लेते हैं। उपमंडल स्तर पर आंकड़ों को देखा जाए तो जगमग योजना के उपमंडल फरुखनगर उपमंडल में लाइनलास 2019 के मुकाबले 8 फीसद से बढ़कर 2020 में 16 फीसद हो गया। इसी तरह न्यू पालम विहार उपमंडल में भी लाइनलास करीब 13 फीसद है। पटौदी उपमंडल में लाइनलास 10 फीसद के आसपास है।

सर्कल-टू के कई उप मंडल का बुरा हाल है। सर्कल-टू के अधिकारियों ने पूरे सर्कल में आंकड़ों के आधार पर तो 2019 के मुकाबले 2020 में मामूली सा लाइनलास कम करने का आंकड़ा पेश किया है। पूरे सर्कल का लाइनलास 2019 में जहां 7.31 फीसद था वहीं 2020 में यह घटकर 6.97 हो गया। अगर उपमंडल स्तर पर देखा जाए तो कई उप मंडलों का लाइनलास के मामले में बुरा हाल है। तावडू उपमंडल में लाइनलास 29 फीसद है, जबकि बादशाहपुर उपमंडल में 13 फ़ीसद लाइनलास है। सोहना उपमंडल का लाइनलास 17.37 फीसद है। इस सर्कल में बादशाहपुर, सोहना तावडू जगमग योजना के उपमंडल हैं। इन तीनों मंडलों की लाइनलास बेकाबू है।

क्या है जगमग योजना

लाइनलास को पटरी पर लाने के लिए बिजली निगम ने जगमग योजना शुरु की थी। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सब पुरानी बिजली की तारों की जगह नई एरियल बच केबल (एबीसी) लगाने के साथ ही सभी पुराने मीटर को बदला गया था। उपभोक्ता के घर के अंदर लगे मीटर को घर के बाहर बिजली के पोल पर लगाया गया था। पंचायत के साथ तालमेल कर उपभोक्ताओं से बिल जमा कराने की भी योजना बनाई गई थी। जिस गांव में जगमग योजना के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो गया था। उन गांव में 24 घंटे बिजली आपूर्ति भी शुरू कर दी गई थी। गुरुग्राम के बिजली निगम के दो सर्कल हैं गुरुग्राम-वन और गुरुग्राम- टू। दोनों सर्कल में करीब 560 बिजली के फीडर हैं जिनमें से 250 फीट ग्रामीण क्षेत्र में है। इन सभी पर जगमग योजना शुरू की गई थी। ग्रामीण क्षेत्रों में इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पूरे सर्कल की रिपोर्ट की बजाय अब फीडर पर लाइनलास कम करने पर ध्यान दिया जाएगा। जगमग योजना वाले फीडर पर अगर चोरी ज्यादा हो रही है तो उस पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

केसी अग्रवाल, मुख्य अभियंता, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम, दिल्ली जोन

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