ग्राम पंचायतों के पास नहीं पहुंची शराब ठेकों की रकम
जिले में कई पंचायतों के पास दो साल पहले के शराब ठेकों को आवंटित की जाने वाली रकम नहीं मिली है। प्रदेश सरकार की तरफ से रकम नहीं देकर अगले साल के लिए ठेकों का आवंटन भी किया जा चुका है।
जागरण संवाददाता, मानेसर: जिले में कई पंचायतों के पास दो साल पहले के शराब ठेकों को आवंटित की जाने वाली रकम नहीं मिली है। प्रदेश सरकार की तरफ से रकम नहीं देकर अगले साल के लिए ठेकों का आवंटन भी किया जा चुका है। ऐसे में दो साल की रकम लंबित है। ग्राम पंचायतों की तरफ से मांग करने के बाद भी रकम नहीं जारी की गई। कई बार अधिकारियों के चक्कर भी काटे जा चुके हैं इसके बाद भी इस तरफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इससे पहले सरपंच एसोसिएशन की तरफ से उप मुख्यमंत्री से मिल इस मामले का जिक्र किया गया था, जिसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्राम पंचायतों का कहना है कि यह फंड सीधा पंचायतों के बैंक खाते में जाता है जो पिछले दो साल से पंचायतों को नहीं मिला है। इससे गांव में विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। इस रकम का खर्च ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है। कई गांवों में सफाईकर्मियों को इसी रकम से मेहनताना दिया जाता है। पैसे नहीं आने से ग्राम पंचायतों के सामने भी संकट है और सफाईकर्मियों को भी मेहनताना नहीं मिल रहा है। इसके साथ अन्य विकास कार्यों में भी पंचायतों द्वारा इस रकम का इस्तेमाल किया जाता है। दो साल के पैसे अभी तक नहीं मिलने से पंचायतों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल की रकम का भुगतान करने के साथ ही इस साल की रकम का भी भुगतान किया जाना चाहिए। अन्य साल में समय पर यह रकम पंचायतों के पास पहुंच जाती थी। इस बारे में ग्राम पंचायतों द्वारा जिला खंड विकास अधिकारी, अतिरिक्त जिला उपायुक्त और जिला उपायुक्त के अलावा स्थानीय विधायक और पंचायत मंत्री व उप-मुख्यमंत्री को भी शिकायत दी जा चुकी है। आबकारी पालिसी के अनुसार जिन गांवों में शराब का ठेका खोला जाता है उस गांव को विकास के लिए कुछ रुपये मिलते हैं। यह रुपये सीधे ग्राम पंचायत के बैंक खाते में जाते हैं। पिछले दो साल से यह रुपये पंचायत के पास नहीं आ रहे हैं। इस बारे में कई बार शिकायतें दी जा चुकी हैं।
सुंदरलाल यादव, अध्यक्ष, सरपंच एसोसिएशन गुरुग्राम