नान-प्रैक्टिस अधिवक्ताओं का मतदाता सूची से होगा पत्ता साफ

दस दिन बाद होने वाले जिला बार एसोसिएशन चुनाव के वास्ते मतदाता सूची तैयार करने के लिए कड़ी मशक्कत की जा रही है। इस बार चुनाव में नान-प्रैक्टिस अधिवक्ताओं को मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 06:42 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 06:42 PM (IST)
नान-प्रैक्टिस अधिवक्ताओं का मतदाता सूची से होगा पत्ता साफ
नान-प्रैक्टिस अधिवक्ताओं का मतदाता सूची से होगा पत्ता साफ

महावीर यादव, बादशाहपुर

दस दिन बाद होने वाले जिला बार एसोसिएशन चुनाव के वास्ते मतदाता सूची तैयार करने के लिए कड़ी मशक्कत की जा रही है। इस बार चुनाव में नान-प्रैक्टिस अधिवक्ताओं को मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। ऐसे अधिवक्ताओं का मतदाता सूची से पत्ता साफ करने की कवायद शुरू कर दी गई है। मतदाता सूची में केवल अदालत में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ताओं को ही शामिल किया जाएगा। चुनाव समिति की बैठक में भी मजबूती से निर्णय लिया गया है कि नान-प्रैक्टिस अधिवक्ता यदि चुनाव में मतदान करता है, तो उसका बार का लाइसेंस रद करने की संस्तुति बार काउंसिल को भेजी जाएगी।

पंजाब तथा हरियाणा बार काउंसिल ने इस बार जिला बार एसोसिएशन के चुनाव को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने की योजना तैयार की है। गुरुग्राम की बार एसोसिएशन प्रदेश की सबसे बड़ी एसोसिएशन है। इस एसोसिएशन के चुनाव पर सभी की नजर रहती है। बार काउंसिल ने इस चुनाव में दखल देकर अपनी तरफ से ही चुनाव समिति का गठन किया है। चुनाव समिति का चेयरमैन वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल यादव को नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही जोगिदर सिंह तंवर, सुखवंत सिंह, पवन दहिया तथा मनोज गोयल को सदस्य नियुक्त किया है।

12 दिसंबर तक मतदाता सूची तैयार करने का मांगा समय

एक से अधिक बार एसोसिएशन में मतदान करने वालों और नान-प्रैक्टिस अधिवक्ताओं को मतदाता सूची से बाहर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस प्रक्रिया में चुनाव समिति को काफी समय लगेगा। बार काउंसिल ने सभी बार एसोसिएशनों को चार दिसंबर तक मतदाता सूची भेजने का निर्देश दिया था। मतदाता सूची तैयार करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।

गुरुग्राम बार एसोसिएशन में फिलहाल 7400 अधिवक्ता रजिस्टर्ड है। इनमें से करीब 4700 अधिवक्ता ही प्रैक्टिस में है। मतदाता सूची तैयार करने के लिए चुनाव समिति ने बार काउंसिल से समय मांगा है। चुनाव समिति ने 10 दिसंबर तक मतदाता सूची तैयार की योजना बनाई है। 11 तथा 12 दिसंबर को तैयार की गई मतदाता सूची पर आपत्तियां सुनी जाएंगी। इसके बाद 12 दिसंबर को अंतिम मतदाता सूची तैयार कर बार काउंसिल को भेजी जाएगी। 17 दिसंबर को मतदान होगा।

आज से अधिवक्ताओं के हलफनामा लेने की प्रक्रिया होगी शुरू

जिला बार एसोसिएशन के चुनाव में जो अधिवक्ता अपना वोट बनवाना चाहता है, उसको इस बार हलफनामा देना होगा। इस हलफनामे में अधिवक्ता को बताना होगा कि वह इसी बार में मतदान करना चाहता है। इसके साथ ही यह भी लिखना होगा कि वह कहीं भी सरकारी या गैरसरकारी या किसी अन्य लाभ के पद पर नहीं है।

चुनाव समिति ने सभी अधिवक्ताओं के नाम का हलफनामे तैयार करा लिए हैं। अधिवक्ता को हलफनामा बनवा कर लाने की जरूरत नहीं है। कार्यालय में जाकर सिर्फ उनको हलफनामे पर हस्ताक्षर करने हैं। मंगलवार से हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। जो अधिवक्ता 10 दिसंबर से पहले हलफनामे पर हस्ताक्षर कर देंगे, उनको ही मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा। 30 नवंबर तक रजिस्टर्ड अधिवक्ता ही डालेंगे वोट

जिला बार एसोसिएशन में 30 नवंबर तक अपना रजिस्ट्रेशन कराने वाले अधिवक्ता ही इस बार चुनाव में वोट डालने के लिए अधिकृत होंगे। जिन अधिवक्ताओं ने 30 नवंबर तक अपने जिला बार एसोसिएशन से संबंधित सभी देनदारियों अदा कर दी है, उन्हीं को मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा। पंजाब हरियाणा बार काउंसिल से रजिस्टर्ड अधिवक्ता को ही मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा। इस बार काउंसिल के अलावा किसी भी प्रदेश की बार काउंसिल के सदस्य को वोट डालने का अधिकार नहीं दिया जाएगा।

बार काउंसिल आफ इंडिया के नियमों में भी है यह व्यवस्था

सरकारी या गैरसरकारी नौकरी करने वाले या फिर अपना कारोबार करने वाले अधिवक्ता को जिला बार एसोसिएशन को इस दौरान अपना लाइसेंस निलंबित कराने की सूचना देनी होती है। किसी भी ला फर्म में नौकरी करने वाले अधिवक्ता भी वोट डालने के लिए अधिकृत नहीं हैं। किसी फर्म का मालिक न होकर शेयर होल्डर हैं तो वोट डाल सकते सकते हैं। यह बातें रूल्स आफ बार काउंसिल आफ इंडिया के चैप्टर-टू मेंनियम 47 से 52 तक में दर्ज हैं।

वोटर लिस्ट तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। 12 दिसंबर को अंतिम सूची बार कार्यालय में चस्पा कर दी जाएगी। जो अधिवक्ता अदालत में प्रैक्टिस नहीं कर रहे हैं, वह किसी भी सूरत में चुनाव में वोट डालने की चेष्टा ना करें। ऐसे अधिवक्ताओं की सूची तैयार कर ली गई है। अगर नान-प्रैक्टिस अधिवक्ता ने वोट किया तो बार काउंसिल से उसका लाइसेंस रद कराने का आग्रह भेजा जाएगा।

अनिल यादव, चेयरमैन, चुनाव समिति, जिला बार एसोसिएशन

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