संजय भसीन ने सांस्कृतिक गतिविधियों की जगाई अलख

एक दौर था जबकि लोगों में कला और संस्कृति के प्रति रुचि थी लेकिन कलाकारों को न तो मंच मिल पाता था और न ही अवसर।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 06:09 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 06:09 PM (IST)
संजय भसीन ने सांस्कृतिक गतिविधियों की जगाई अलख
संजय भसीन ने सांस्कृतिक गतिविधियों की जगाई अलख

प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम

एक दौर था जब लोगों में कला और संस्कृति के प्रति रुचि थी, लेकिन कलाकारों को न तो मंच मिल पाता था और न ही अवसर। समाज में स्वीकृति भी बमुश्किल ही मिलती थी। ऐसे में कलाप्रेमी और कलाकारों को कई तरह की पारिवारिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता था। लोग अपनी प्रतिभा का खुलकर प्रदर्शन करने में भी संकोच करते थे। ऐसे समय में हरियाणा कला परिषद के वर्तमान निदेशक संजय भसीन ने शहर को कला और साहित्य से जोड़ने का बीड़ा उठाया। शुरुआती दौर में आईं दिक्कतें

कला और संस्कृति के नाम पर जर्जर बाल भवन मध्यकालीन इतिहास के पन्नों पर ले जाता सा लगता था। इसी समय कॉलेज के छात्र और रंगकर्मी संजय भसीन ने धीरे-धीरे कला रंगमंच के क्षेत्र में नई पहचान लेकर उभरने लगे। स्थिति अब भी वही थी। कुछ प्रशंसा करते तो बहुतों की आलोचना मिलती। संजय ने सोच लिया कि न केवल लोगों को कला और संस्कृति के रंगों से परिचित करवाएंगे, बल्कि शहर को संस्कृति का केंद्र भी बनाएंगे। .. कारवां बनता गया

संजय भसीन के प्रयासों को सहयोग मिलने लगा और इनकी टीम मजबूत होती गई। उन्होंने बताया कि इस सफर को सुभाष चंद सिगला, शरद गोयल, सतीश यादव, सतीश सिगला, रमेश कालरा, अर्पित भसीन, हरजीत सिंह, गोल्डी सिगला, कुलभूषण गुप्ता, रजनीश भनोट, अनिल ने और भी बेहतर बनाया। निष्ठा कला मंच ने बदली तस्वीर

संजय ने 1986 में निष्ठा कला मंच बनाकर आयोजन शुरू कर दिए। उनके और उनके साथियों के सहयोग से धीरे-धीरे यहां बड़े स्तर पर आयोजन होने लगे। इससे कला के प्रशंसक भी बढ़ने लगे। वर्ष 2001 से यहां पर अन्य आयोजनों के साथ-साथ एक बड़ा वार्षिक अखिल भारतीय नाट्य नृत्य महोत्सव होने लगा। इसमें देशभर से कलाकार आने लगे। यहां अभिनेता राजबब्बर, केसी बोकाडिया और राजपाल यादव के अलावा महाभारत के अभिनेता भानु भारती, नविदर बहल, अजीत कौर और रंजीत कपूर सरीके कई बड़े दिग्गज भी शिरकत कर चुके हैं।

chat bot
आपका साथी