नया एस्ट्रोटर्फ बन नहीं रहा, एस्टिमेट बना-बनाकर थक चुके हैं अधिकारी

नेहरू स्टेडियम में खराब हो चुके हाकी एस्ट्रोटर्फ को बदल कर नया लगाने के नाम पर बार-बार एस्टिमेट बनवाया जा रहा है लेकिन उस पर होता कुछ नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 06:43 PM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 06:43 PM (IST)
नया एस्ट्रोटर्फ  बन नहीं रहा, एस्टिमेट बना-बनाकर थक चुके हैं अधिकारी
नया एस्ट्रोटर्फ बन नहीं रहा, एस्टिमेट बना-बनाकर थक चुके हैं अधिकारी

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: नेहरू स्टेडियम में खराब हो चुके हाकी एस्ट्रोटर्फ को बदल कर नया लगाने के नाम पर बार-बार एस्टिमेट बनवाया जा रहा है, लेकिन उस पर होता कुछ नहीं है। पिछले चार-पांच साल में करीब चार बार पीडब्ल्यूडी विभाग नए टर्फ पर आने वाले खर्च पर एस्टिमेट बनाकर भेज चुके हैं और अब चंडीगढ़ से उच्च अधिकारियों की तरफ से फिर एस्टिमेट मांगा जा रहा है। नए टर्फ पर आने वाले खर्च का एस्टिमेट बार-बार मांगने पर पीडब्ल्यूडी विभाग अधिकारी भी अब परेशान हो चुके है। उधर खिलाड़ी भी यह सुन-सुन कर ऊब चुके हैं कि नया टर्फ लगाने के लिए आने वाले खर्च का एस्टिमेट तैयार कराया जा रहा है।

दरअसल 17-18 वर्ष पहले गुरुग्राम में लगाए गए हाकी एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड का आज बुरा हाल है। पूर्व कांग्रेस सरकार से लेकर वर्तमान सरकार के मुख्यमंत्री और खेल मंत्री तक खिलाड़ियों को आश्वासन दे चुके हैं। प्रदेश सरकार के वर्तमान खेल मंत्री संदीप सिंह बहुत बार स्वयं इसी ग्राउंड पर खेल चुके हैं लेकिन खराब एस्ट्रोटर्फ नहीं बदला गया।

वर्ष 2003-4 में प्रदेश का पहला हाकी एस्ट्रोटर्फ गुरुग्राम के नेहरू स्टेडियम में लगाया गया था। टोक्यो में ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली टीम के खिलाड़ी सुमित ने भी 2008-09 में इसी ग्राउंड पर हाकी खेलना शुरू किया था। जब टोक्यो में भारतीय हाकी टीम ने पदक जीता तो लगा था कि इस मैदान के दिन भी बदलेंगे। सभी को इंतजार है कि शायद इस बार टर्फ बदल जाए।

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