लाकडाउन एक साल: खिलाड़ी लाकडाउन को याद कर कहते हैं भगवान फिर ऐसा समय ना लाना

ग्राउंड पर खेलने वाले खिलाड़ी कोरोना काल में कमरे और घर की छत पर खेलने को मजबूर हो गए थे। लंबे समय ग्राउंड से दूर रहकर खिलाड़ियों ने जैसे-तैसे अपने को स्वस्थ व फिट रखा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Mar 2021 07:18 PM (IST) Updated:Wed, 24 Mar 2021 07:18 PM (IST)
लाकडाउन एक साल: खिलाड़ी लाकडाउन को याद कर कहते हैं भगवान फिर ऐसा समय ना लाना
लाकडाउन एक साल: खिलाड़ी लाकडाउन को याद कर कहते हैं भगवान फिर ऐसा समय ना लाना

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: ग्राउंड पर खेलने वाले खिलाड़ी कोरोना काल में कमरे और घर की छत पर खेलने को मजबूर हो गए थे। लंबे समय ग्राउंड से दूर रहकर खिलाड़ियों ने जैसे-तैसे अपने को स्वस्थ व फिट रखा। खिलाड़ियों का कहना है कि अपने को फीट रखने का सबसे बड़ा चैलेंज था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि ग्राउंड पर तेजतर्रार खेलने वाले खिलाड़ी घर में बंद होकर रह जाएगा। एक समय आया कि कैसे अपने को फीट रखा जाए। ताकि जब स्टेडियम खुलेगा तो खेलने में कोई परेशानी ना हो। भगवान से प्रार्थना है कि दोबारा ऐसा समय ना लाए।

दिनेश दलाल, हाकी खिलाड़ी छत पर प्रशिक्षण करना एक अलग एक्सपीरियंस रहा। लंबे समय तक ग्राउंड से दूर रहे। जब 24 मार्च को लाकडाउन लगा तो लगा कि कुछ दिनों बाद खुल जाएगा, लेकिन लंबे समय दूर रहना पड़ा। एक अजीब स्थिति थी कि कमरे में खेलना पड़ रहा था। भगवान दोबारा ऐसा समय ना लाए।

विनोद खटकर, वालीबाल खिलाड़ी कोरोना काल में बहुत खिलाड़ियों के भविष्य को नुकसान पहुंचा। क्योंकि 2020 टोक्यो ओलंपिक होना था और भारत के बहुत खिलाड़ियों की अच्छी तैयारी थी। फिर लाकडाउन लगा और प्रशिक्षण भी रुक गया। खिलाड़ियों के लिए इससे खराब दिन नहीं आएगा।

अमित धनखड़, अंतरराष्ट्रीय पहलवान कोरोना काल समय को कभी नहीं भूल सकते। यह ऐसा समय रहा है जिसे सोचकर डर लगता है। यह समय एक अलग तरह की यादगार बनकर जीवन में रहेगा। घरों में बंद और सुनसान सड़कों के अलावा साफ आसमान देखने को मिला। प्रधानमंत्री के एक आवाहन पर ताली, थाली बजाना और फिर दीये जलाना बहुत अच्छा लगा। देश की एकता गजब की थी।

तमन्ना यादव, हाकी खिलाड़ी

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