श्रद्धांजलि: यशपाल का यूं जाना अखर गया क्रिकेट प्रेमियों को
1983 विश्व कप की ऐतिहासिक जीत में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले यशपाल शर्मा के आकस्मिक निधन पर खेल जगत दुखी है। पूर्व रणजी खिलाड़ी विनय वर्मा ने कहा कि यशपाल शर्मा शानदार खिलाड़ी के साथ ही बहुत अच्छे इंसान भी थे।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: 1983 विश्व कप की ऐतिहासिक जीत में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले यशपाल शर्मा के आकस्मिक निधन पर खेल जगत दुखी है। पूर्व रणजी खिलाड़ी विनय वर्मा ने कहा कि यशपाल शर्मा शानदार खिलाड़ी के साथ ही बहुत अच्छे इंसान भी थे। विनय ने कहा कि उन्हें गुरुग्राम से बहुत लगाव था। वह टेरी ग्राउंड पर अभी भी खेलने आते थे। विनय बताते हैं कि 1979 में द्रोणाचार्य कालेज में आयोजित एक ओपन क्रिकेट टूर्नामेंट में वह कपिल देव के साथ खेलने आए थे। उस दौरान विनय का इनसे मिलना हुआ था।
विनय बताते हैं कि यशपाल शर्मा हर व्यक्ति से ऐसे मिलते थे कि जैसे उसे बहुत पहले से जानते रहे हों। बड़ा क्रिकेटर होने के बाद भी वह बहुत विनम्र थे। उनसे कोई भी आसानी से मिल सकता था। विनय ने कहा कि 2005-06 में ताऊ देवीलाल स्टेडियम में देवधर ट्राफी खेली गई थी और उसमें यशपाल शर्मा पर्यवेक्षक बनकर आए थे। उस समय उन्होंने इस टूर्नामेंट के बेहतरीन आयोजन के लिए सभी की तारीफ की थी। वहीं पूर्व रणजी खिलाड़ी पंकज कौशिक और यशपाल शर्मा भारतीय स्टेट बैंक की टीम में खेलते थे। विनय वर्मा बताते हैं कि उन्हें कई बार उनके साथ खेलने का मौका मिला था। वह अपने जूनियर खिलाड़ी के साथ दोस्ताना माहौल बना कर रखते थे। वह हरियाणा की तरफ से खेले। उनका हमेशा से विश्वास रहा था कि हरियाणा से बड़े क्रिकेटर निकल सकते हैं। उनका असमय जाना क्रिकेट की दुनिया का बड़ा नुकसान है जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती।