सीएम के निर्देश के 25 दिन बाद जारी हुए खेल अधिकारी के निलंबन के आदेश

16 अक्टूबर को शहर में ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में नहीं पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने खेल अधिकारी को निलंबित करने के आदेश दिए थे। अब 25 दिन बाद 11 नवंबर को उनके निलंबित के आदेश जिला खेल विभाग गुरुग्राम कार्यालय में पहुंच गए।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Nov 2021 05:58 PM (IST) Updated:Fri, 12 Nov 2021 05:58 PM (IST)
सीएम के निर्देश के 25 दिन बाद जारी हुए खेल अधिकारी के निलंबन के आदेश
सीएम के निर्देश के 25 दिन बाद जारी हुए खेल अधिकारी के निलंबन के आदेश

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आदेश के बाद जिला खेल अधिकारी जेजी बनर्जी को निलंबित कर दिया गया है। 16 अक्टूबर को शहर में ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में नहीं पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने खेल अधिकारी को निलंबित करने के आदेश दिए थे। अब 25 दिन बाद 11 नवंबर को उनके निलंबित के आदेश जिला खेल विभाग गुरुग्राम कार्यालय में पहुंच गए।

मुख्यमंत्री के आदेश पर अमल नहीं होने को लेकर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने बुधवार को ट्वीट भी किया था कि मुख्यमंत्री के आदेश पर अमल नहीं हो रहा। कैप्टन में अपने ट्वीट में लिखा था कि यह आश्चर्यजनक है। दरअसल 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री के आदेश के बाद इस पर अमल नहीं होने के कारण चर्चा का विषय बना हुआ था। आदेश के 25 दिन बाद निलंबन के आदेश आए। खेल निदेशक पंकज नैन ने कहा कि बृहस्पतिवार को जेजी बनर्जी को निलंबित कर दिया गया है। पेट्रोल-डीजल के रेट में कमी आने से मिलने लगी है राहत जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: केंद्र सरकार की पहल के बाद पेट्रोल और डीजल के रेट में कमी आने लगी है। इससे उद्यमियों, ट्रांसपोर्टरों और आमजन को राहत मिलने लगी है। हर वर्ग द्वारा सरकार के इस कदम का स्वागत किया जा रहा है। जिला वासियों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोलियम के दाम में कमी करने के लिए कदम तो उठा लिए गए हैं अब राज्य सरकारों की बारी है। उनका यह भी कहना है कि पेट्रोल-डीजल के बढ़े रेट को लेकर विपक्षी दलों द्वारा लगातार आवाज उठाई जा रही थी अब उन्हें चाहिए कि जहां भी उनकी सरकार है या सरकार में भागीदारी है वह भी राहत प्रदान करने का काम करें।

ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि उनकी ओर से लगातार डीजल का रेट कम करने की मांग केंद्र और राज्य सरकार से की जाती रही है। अब केंद्र सरकार ने देरी से ही सही मगर उचित कदम उठाया है। गुड़गांव ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एचएस शर्मा का कहना है कि डीजल और पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने की सख्त जरूरत है। अगली जीएसटी की बैठक में सभी राज्यों की सरकारों को पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में लाने का समर्थन करना चाहिए। यदि ऐसा होगा तो हर किसी को राहत मिल जाएगी।

एक मल्टीनेशनल कंपनी में अधिकारी अजय प्रकाश का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दाम अधिक होने से लोगों का बजट बिगड़ जाता है। डीजल का रेट बढ़ने से हर वस्तु के दाम में वृद्धि हो जाती है। हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के चेयरमैन किशन कपूर का कहना है कि पेट्रोल और डीजल का रेट कम होने से माल भाड़े में स्थिरता आएगी। केंद्र सरकार ने बेहतर कदम उठाया है। अभी इसके रेट में और कमी किए जाने की जरूरत है।

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