कहीं राम जन्म तो कहीं सीता स्वयंवर का हुआ मंचन

श्री दुर्गा रामलीला कमेटी द्वारा जैकबपुरा में रामलीला के चौथे दिन में श्रीराम के विवाह का उल्लासपूर्ण वातावरण में मंचन किया गया। जिस समय सीता सहित राजा जनक की अन्य तीन पुत्रियों की विदाई हो रही थी उस समय दर्शक अत्यंत भावुक हो गए।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 07:38 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 07:38 PM (IST)
कहीं राम जन्म तो कहीं सीता स्वयंवर का हुआ मंचन
कहीं राम जन्म तो कहीं सीता स्वयंवर का हुआ मंचन

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: श्री दुर्गा रामलीला कमेटी द्वारा जैकबपुरा में रामलीला के चौथे दिन में श्रीराम के विवाह का उल्लासपूर्ण वातावरण में मंचन किया गया। जिस समय सीता सहित राजा जनक की अन्य तीन पुत्रियों की विदाई हो रही थी उस समय दर्शक अत्यंत भावुक हो गए। लोगों को लग रहा था कि उनके समक्ष सच के सीता की विदाई हो रही है। कलाकारों का अभिनय ऐसा था कि हर किसी ने उनकी प्रशंसा की। रामलीला कमेटी के संयोजन राजकुमार सैनी का कहना है कि कोविड-19 प्रोटोकाल के पालन के लिए इस बार राम बारात बाजार में नहीं निकाली गई।

मंचन के पहले ²श्य में विवाह की चिट्ठी राजा जनक द्वारा अयोध्या में राजा दशरथ के पास भेजी गई। इसके बाद राजा दशरथ अपने दोनों राजकुमारों भरत व शत्रुघ्न को लेकर जनकपुरी पहुंचे। राम-लक्ष्मण पहले से ही गुरु वशिष्ठ जनकपुरी में मौजूद थे। चारों राजकुमारों का विवाह धूमधाम से जनक की चारों पुत्रियों के साथ कराया गया। मंच पर ही फेरों की रस्म को संपन्न किया गया। राजा जनक अपनी पुत्रियों को सदा सुखी रहने का आशीर्वाद देते हुए भावुक हो गए।

वहीं भीमनगर में आयोजित रामलीला का बृहस्पतिवार को प्रथम दिवस रहा। जिसका शुभारंभ रावण वेदवती संवाद के साथ हुआ। रावण की भूमिका 22 वर्षीय वरदान मनचंदा और वेदवती की भूमिका पारुल कौशिक द्वारा निभाई गई। इसके बाद श्री राम जन्म का मंचन हुआ।

रामलीला कमेटी के अध्यक्ष पवन पाहुजा ने बताया कोरोना के मद्देनजर पूर्ण सावधानी के साथ रामलीला का मंचन किया जा रहा है। श्री गुरु द्रोणाचार्य रामलीला क्लब द्वारा सीता स्वयंवर व धनुष यज्ञ की लीला का मंचन हुआ। राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता का स्वयंवर रचाया। इस दौरान जब विभिन्न देशों के राजाओं द्वारा तमाम प्रयास के बाद भी शिव का धनुष जब नहीं टूट रहा था तो यह ²श्य देखकर दर्शकों को बड़ा आनंद आ रहा था।

इस दौरान राजा जनक की भूमिका निभा रहे कलाकार ने कहा कि हाय अफसोस दुनिया में कोई बशर अब बहादुर नजर मुझे आता नहीं। को दर्शकों से बहुत सराहा। लक्ष्मण परशुराम संवाद का ²श्य दर्शकों को खूब पसंद आया। उधर मदनपुरी स्थित बाल सुख सागर रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला के दूसरे दिन राम जन्म की लीला का मंचन किया गया। वहीं गुरुग्राम के झाड़सा रोड स्थित राम चरित्र रामलीला कमेटी द्वारा मंचित रामलीला में भी राम जन्म की लीला का मंचन किया गया।

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