हवन कर महामारी से जल्द छुटकारा दिलाने की प्रार्थना की
कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण नवरात्र पर अपने अपने घरों में ही हवन पूजन कर समापन किया। वैसे तो अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा अर्चना के बाद कन्याओं को प्रसाद जिमाने के बाद समापन हो जाता है।
संवाद सहयोगी, बादशाहपुर: कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण नवरात्र पर अपने अपने घरों में ही हवन पूजन कर समापन किया। वैसे तो अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा अर्चना के बाद कन्याओं को प्रसाद जिमाने के बाद समापन हो जाता है। अधिकांश घरों में रामनवमी के दिन भी कन्याओं को प्रसाद खिलाने की परंपरा है। लोगों ने हवन कर कोरोना महामारी से जल्द छुटकारा दिलाए जाने की प्रार्थना की। सेक्टर-23 के श्री शक्ति मंदिर में रामकथा का समापन किया गया। राम जन्मोत्सव के बाद भंडारा भी लगा।
सेक्टर-23 के श्री शक्ति मंदिर में नवरात्र के शुरुआत से ही राम कथा का आयोजन किया गया था। रामकथा से पहले महिलाओं ने कलश यात्रा निकाल मंदिर में कलश स्थापना भी की थी। राम कथा के समापन पर महिलाओं ने अपने अपने स्थापित कलश भी उठाएं। मंदिर में हवन किया गया। उसके बाद राम जन्म उत्सव का आयोजन हुआ। व्यासपीठ से वृंदावन से पधारे स्वामी ब्रह्मचैतन्य ने कहा कि प्रतिकूलता में अनुकुलता ही राम है। भारत की संस्कृति और परंपरा को सतत बनाए रखना है तो राम के आदर्शों को घर घर तक पहुंचना होगा। मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन में मां, पिता, भाई और पत्नी सभी के प्रति सामंजस्य का संदेश है। उनके आदर्शों को जीवन में ढालने से जीवन को सफल बनाया जा सकता है।
संजय ग्राम के हनुमान मंदिर में चैत्र मास की नवमी को नवरात्र का समापन किया गया। उसके बाद कन्या पूजन किया गया। मंदिर के मुख्य ट्रस्टी सीताराम सिघल ने बताया कि हवन यज्ञ कर भगवान से कोरोना जैसी महामारी के प्रकोप से बचाने की प्रार्थना की गई।