राहत के साथ आफत भी लेकर आई बारिश

स्थानीय निवासियों का कहना है कि जलभराव को रोकने के लिए अभी तक कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए हैं। ऐसे में बार-बार बारिश से स्थिति खराब हो रही है। नगर निगम सहित अन्य संबंधित विभाग को इस दिशा में ठोस उपाय करने की जरूरत है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 08:07 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 08:07 PM (IST)
राहत के साथ आफत भी लेकर आई बारिश
राहत के साथ आफत भी लेकर आई बारिश

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: साइबर सिटी में रविवार सुबह हुई बारिश राहत के साथ आफत लेकर आई। शहर की कई सड़कों पर पानी भर गया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि जलभराव को रोकने के लिए अभी तक कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए हैं। ऐसे में बार-बार बारिश से स्थिति खराब हो रही है। नगर निगम सहित अन्य संबंधित विभाग को इस दिशा में ठोस उपाय करने की जरूरत है। जब तक ऐसा नहीं होगा तो लोगों की परेशानी बढ़ती ही जाएगी। सेक्टर-40, सेक्टर-9ए, सेक्टर-15 पार्ट दो, आइडीसी, बसई व कादीपुर औद्योगिक क्षेत्र के लोग भी जलभराव से परेशान हैं। उद्यमियों का कहना है कि अभी पिछली बारिश का पानी पूरी तरह से सूखा नहीं कि पुन: बारिश के बाद स्थिति और बदतर हो गई है।

पिछले दो दिन से उमस भरी गर्मी से परेशान लोगों को बारिश से राहत मिली वहीं विभिन्न क्षेत्रों में आना-जाना दुश्वार हो गया। सेक्टर-39 निवासी विवेक का कहना है कि बारिश शुरू होने से पहले लोगों द्वारा आवाज उठाई जा रही है कि नालों की सफाई ठीक और सभी स्थानों पर जलनिकासी की ठोस व्यवस्था की जाए, मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ। यही हाल रहा तो लंबे समय तक चली बारिश के बाद क्षेत्र की हालत और खराब हो जाएगी।

आइडीसी क्षेत्र के उद्यमियों का कहना है कि अब तो आसमान में बादल छाते ही डर लगने लगता है। रमेश चंद्र का कहना है कि आइडीसी क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से सड़कों पर पानी लगा हुआ है। इससे क्षेत्र में मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इससे मच्छर जनित बीमारी भी फैलने का खतरा बढ़ गया है। इस ओर प्रशासन को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

मौसम विभाग के अनुसार गुरुग्राम में रविवार को 2.6 एमएम बारिश हुई। सोमवार को क्षेत्र में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है। कादीपुर और बसई औद्योगिक क्षेत्र में रास्ता कच्चा होने के बाद वहां स्थिति काफी खराब हो जाती है। बसई क्षेत्र के उद्यमियों का कहना है कि बुनियादी सुविधाएं ठीक नहीं होने के हालात खराब होते जा रहे हैं।

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