निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी

निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय उद्योग जगत को रास नहीं आ रहा है। विभिन्न औद्योगिक संगठनों एवं उद्यमियों का कहना है कि वह इस आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ अदालत में जाने की तैयारी कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 18 Nov 2020 08:38 PM (IST) Updated:Wed, 18 Nov 2020 08:40 PM (IST)
निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण  के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी
निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय उद्योग जगत को रास नहीं आ रहा है। विभिन्न औद्योगिक संगठनों एवं उद्यमियों का कहना है कि वह इस आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ अदालत में जाने की तैयारी कर रहे हैं। उनकी ओर से इसे लेकर कानूनी विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किए जा रहे हैं। फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री (एफआइआइ) और गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (जीआइए) के पदाधिकारियों का कहना है कि इसे लेकर वह फाइल तैयार करा रहे हैं।

उद्यमियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने जब से निजी क्षेत्र में आरक्षण का विधेयक विधानसभा से पारित कराया है तब से उद्योग जगत काफी परेशान है। निजी क्षेत्र की कंपनियों में नौकरियां योग्यता के आधार पर दी जाती है। इसे लेकर निजी क्षेत्र किसी प्रकार का पक्षपात नहीं करता है। उसे ही यहां नौकरियां मिलती हैं जो योग्य होता है। कानून बनाकर नौकरी देने के लिए निजी क्षेत्र को बाध्य करना कतई उचित नहीं है। एफआइआइ के महासचिव दीपक मैनी का कहना नौकरियों में इस प्रकार का आरक्षण उचित नहीं है। अपने इस निर्णय पर प्रदेश सरकार को फिर से गौर करना चाहिए।

जीआइए द्वारा कानून के जानकारों से राय ली जा रही है। जल्द ही निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

जेएन मंगला, अध्यक्ष, गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण देने को लेकर जो कदम उठाए जा रहे हैं वह कतई उचित नहीं है। इस मामले को आने वाले समय में एफआइआइ अदालत में लेकर जाने का मन बना रहा है। कानूनी विशेषज्ञों से राय ली जा रही है।

हरभजन सिंह, अध्यक्ष, फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री, हरियाणा

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