वायु प्रदूषण शहर में न खत्म होने वाली समस्या बना
वर्ष 2015 में जब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गुरुग्राम को देश का सबसे प्रदूषित शहर बताया था तभी चेत जाना चाहिए था और सुधारों पर काम शुरू होना चाहिए था। आज छह साल बाद भी वैसा ही हाल है
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: वर्ष 2015 में जब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गुरुग्राम को देश का सबसे प्रदूषित शहर बताया था, तभी चेत जाना चाहिए था और सुधारों पर काम शुरू होना चाहिए था। आज छह साल बाद भी वैसा ही हाल है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन तक गुरुग्राम को जहरीली हवा वाला शहर तीन साल पहले कह चुका है। इसके बाद भी न आम आदमी और न सरकार-प्रशासन जागा। शहर में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। यह समस्या लंबे समय है और ना खत्म होती दिख रही। जहरीली हवा का प्रकोप 34 दिनों से बना हुआ है। अब जैसे-जैसे सर्दी में ढंड बढ़ रही है तो प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।
देश-दुनिया के प्रदूषित शहरों में शामिल गुरुग्राम में प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए कोई उपाय भी नहीं दिख रहे हैं। बड़े बड़े दावे करने में न कोई सरकार पीछे रही और न प्रशासन लेकिन शहर को प्रदूषण से राहत नहीं मिली। शनिवार को शहर में पीएम 2.5 का स्तर 402 दर्ज किया गया, जोकि सामान्य पीएम 2.5 का स्तर 50 से कई गुना अधिक रहा। एक नवंबर से शहर में जहरीली हवा बनी हुई है। इन चौंतीस दिनों में पीएम 2.5 का स्तर साढ़े 300 दर्ज होना आम बात रही और कई बार पीएम 2.5 का सतर 400 से अधिक भी रहा।
शनिवार को शहर में पीएम 2.5 का स्तर:
विकास सदन - 345
एमआइडी - 335
सेक्टर 51 - 402
टेरी ग्राम - 312
मानेसर- 363 34 दिनों में कब -कब रहा पीएम 2.5 का स्तर 400 से अधिक:
चार नवंबर - 479
पांच नवंबर - 490
छह नवंबर - 489
सात नवंबर - 481
11 नवंबर - 402
12 नवंबर - 442
13 नवंबर - 480
27 नवंबर - 400
29 नवंबर - 410
1 दिसंबर - 400
2 दिसंबर - 403
4 दिसंबर - 402