सड़कों पर बेखौफ अपराधियों के राज में लगता है डर

पिछले कुछ वर्षों के दौरान वारदात करने का तरीका बदल गया है। पहले बदमाश लूटपाट करने के दौरान विरोध किए जाने पर अधिक से अधिक मारपीट करते थे हाथ-पैर बांध देते थे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Nov 2020 08:44 PM (IST) Updated:Fri, 06 Nov 2020 01:17 AM (IST)
सड़कों पर बेखौफ अपराधियों के राज में लगता है डर
सड़कों पर बेखौफ अपराधियों के राज में लगता है डर

आदित्य राज, गुरुग्राम

बेखौफ बदमाशों द्वारा गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड के पास पूजा शर्मा की गोली मार कर हत्या कर दिए जाने से साइबर सिटी सदमे में है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान बदमाशों द्वारा वारदात करने का तरीका बदल गया है। पहले बदमाश लूटपाट करने के दौरान विरोध किए जाने पर अधिक से अधिक मारपीट करते थे, हाथ-पैर बांध देते थे। अब गोली मार देते हैं। जानकार बताते हैं कि बदमाश कम से कम समय में वारदात को अंजाम देना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि अधिक समय लगने पर या तो जिसके साथ वारदात की जा रही है वह या फिर आसपास के इलाके का कोई न कोई व्यक्ति पुलिस को सूचना दे देगा।

पहले लोगों के पास मोबाइल नहीं होता था तो सूचना पुलिस तक काफी देर से पहुंचती थी। इससे आराम से बदमाश वारदात को अंजाम देकर निकलते थे। पुलिस की पेट्रोलिग अगर गोल्फ कोर्स एक्स्टेंशन रोड पर होती तो पूजा शर्मा की हत्या नहीं हुई होती। मंगलवार रात तीन बदमाशों ने कार रोकी और पूजा को गोली मार आराम से निकल गए थे। अगर चौक चौराहों पर पुलिस का पहरा होता तो बदमाश शायद यह हिम्मत नहीं करते।

बृहस्पतिवार को दैनिक जागरण से बातचीत में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता व सेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रेशम सिंह ने कहा कि गुरुग्राम शहर का दायरा काफी बढ़ गया है। कागजों में जितनी आबादी है, उससे कहीं अधिक आबादी शहर की है। कम से कम 100 लोगों के ऊपर एक पुलिसकर्मी चाहिए। यदि इस हिसाब से व्यवस्था करना फिलहाल संभव नहीं है तो कम से कम 20 हजार पुलिसकर्मियों की तत्काल प्रभाव से गुरुग्राम के लिए व्यवस्था करनी चाहिए। साथ ही जो पुलिसकर्मी उपलब्ध हैं, उनकी भी सक्रियता बढ़ाने की आवश्यकता है। अधिकतर पुलिसकर्मी पीसीआर में बैठे-बैठे एक इलाके से दूसरे इलाके में निकल जाते हैं। उन्हें पीसीआर रोककर जगह-जगह जांच करनी चाहिए। इससे बदमाशों को लगेगा कि पुलिस हर इलाके में सक्रिय है। पुलिस को अपने इलाके की जानकारी होनी चाहिए

थाना पुलिस को अपने इलाके के लोगों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। यदि इलाके में कोई नया आदमी दिखाई दे तो उससे पूछताछ की जाए। केवल थाने में बैठकर काम करने से बात नहीं बनेगी। इलाके की जानकारी नहीं होने की वजह से ही सूचना मिलने के साथ ही पुलिस तत्काल मौके पर नहीं पहुंच पाती है। अब पुलिस को पहले की अपेक्षा अधिक सक्रियता दिखानी होगी। पहले न केवल शहर की आबादी बहुत कम थी बल्कि दायरा भी बहुत कम था। इस वजह से किसी भी इलाके में पहुंचना आसान था। मैन पावर तो बढ़ानी ही होगी लेकिन मैनपावर को आज के हिसाब से काम करना होगा।

शहर में लूट की कुछ बड़ी वारदात

9 जनवरी: कादीपुर इलाके में कारोबारी के साथ बाइक सवार तीन युवकों द्वारा मारपीट कर 65 हजार रुपये की लूट

11 जनवरी: ऑडी लूट के इरादे से गला घोंटकर अरशद नामक युवक की हत्या का मामला सामने आया था

20 जनवरी: गुरुग्राम-सोहना मार्ग पर गांव अलीपुर के पास कार सवार चार बदमाशों द्वारा पिस्टल के बल पर ट्रक लूट

6 फरवरी: गांव डाबोदा इलाके में तीन हथियारबंद बदमाशों ने एक पूर्व सैनिक को गन प्वाइंट पर लूटा

21 जून: डीएलएफ फेज-एक इलाके में हथियारबंद चार बदमाशों द्वारा मॉडर्न बाजार के एक कर्मचारी से तीन लाख की लूट

22 जुलाई: हथियारबंद तीन बदमाशों ने सेक्टर-40 इलाके के एक मकान में लूट की वारदात को अंजाम दिया

10 अगस्त: डीएलएफ फेज-तीन इलाके में हथियारबंद तीन बदमाशों ने एक बुजुर्ग दंपती को बंधक बनाकर लूट की वारदात को अंजाम दिया।

15 सितंबर: गांव जाटोला में चार बदमाश एक कारोबारी के ऊपर हमला कर लगभग डेढ़ लाख रुपये लूटकर फरार हुए

13 अक्टूबर: गांव बुढेड़ा में एक युवक को लूटपाट की नियत से बदमाश ने गोली मारी

पूजा शर्मा की हत्या के मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन कर दिया गया है। अन्य टीमें भी आरोपितों की पहचान करने में लगी हुई हैं। आरोपित की गिरफ्तारी के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आएगी। इलाके के सहायक पुलिस आयुक्त एवं पुलिस उपायुक्त भी अपने स्तर पर मामले को देख रहे हैं।

-केके राव, पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम

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