गुरुग्राम में अस्पताल के नाम पर की 312 करोड़ की धोखाधड़ी, तीन आरोपित गिरफ्तार

गुरुग्राम में अस्पताल बनाने के नाम पर यस बैंक से 312 करोड़ रुपये का लोन लेकर गबन करने के मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 08:43 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 10:01 PM (IST)
गुरुग्राम में अस्पताल के नाम पर की 312 करोड़ की धोखाधड़ी, तीन आरोपित गिरफ्तार
गुरुग्राम में अस्पताल के नाम पर की 312 करोड़ की धोखाधड़ी, तीन आरोपित गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: गुरुग्राम में अस्पताल बनाने के नाम पर यस बैंक से 312 करोड़ रुपये का लोन लेकर गबन करने के मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। नयति हेल्थकेयर एंड रिसर्च एनसीआर के निदेशक यतीश वहाल, सतीश कुमार नरूला और अहलूवालिया कंस्ट्रक्शन के मालिक राहुल सिंह यादव को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक आरोपितों ने बैंक से लोन लेकर उक्त रकम को डमी फर्म में ट्रांसफर कर कर लिया था।

आर्थिक अपराध शाखा के एक अधिकारी के मुताबिक यतीश वहाल गाजियाबाद इंदिरापुरम अंहिसा खंड एक स्थित एटीएस एडवांटेज और सतीश कुमार नरूला, गंगोत्री एन्क्लेव, अलकनंदा दिल्ली में परिवार के साथ रहता है। राहुल सिंह यादव पुरानी दिल्ली रोड, गुरुग्राम निवासी है।

राजीव कुमार शर्मा ने मेसर्स नयति हेल्थकेयर व रिसर्च एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक यतीश वहाल व सतीश कुमार नरूला समेत अन्य के खिलाफ शिकायत दी थी।

शिकायत में कहा गया था कि आरोपितों ने कंपनी में 6.3 फीसद शेयरधारक होने का दावा किया था। कंपनी कार्यालय देवली रोड, खानपुर में था और पहले ओएसएल हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से दर्ज थी। गुरुग्राम में एक अस्पताल बनाने के लिए कंपनी का नाम बदला था। शिकायतकर्ता राजीव कुमार के पास 49 फीसद शेयर थे, जबकि शेष 51 फीसद शेयर अन्य दो निदेशक चंदन मिश्रा व चर्चित मिश्रा के पास थे। शिकायतकर्ता को उनकी सेवाओं के लिए पेशेवर शुल्क के रूप में प्रति माह 30 लाख रुपये देने का करार किया गया था। ओएसएल हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड को कुछ वित्तीय समस्या का सामना करना पड़ा, जिससे बहुसंख्यक शेयरधारकों ने अपने 51 फीसद शेयर नारायणी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिए। यस बैंक से 312 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर उससे अस्पताल नहीं बनाया गया और उसका गलत उपयोग किया गया।

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