फर्जीवाड़ा: वाट्सएप की डीपी में एसटीएफ के एसपी की फोटो लगाकर फांसा शिकार

वाट्सएप पर मैसेज आने के बाद एक इंस्पेक्टर ने तो फर्जी पुलिस अधीक्षक के खाते में रकम ट्रांसफर भी कर दी। लेकिन खाते में रकम क्रेडिट नहीं होने के कारण इंस्पेक्टर के खाते में पैसे वापस आ गए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 06:51 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 06:51 PM (IST)
फर्जीवाड़ा: वाट्सएप की डीपी में  एसटीएफ के एसपी की फोटो लगाकर फांसा शिकार
फर्जीवाड़ा: वाट्सएप की डीपी में एसटीएफ के एसपी की फोटो लगाकर फांसा शिकार

संवाद सहयोगी, बादशाहपुर (गुरुग्राम)

एक साइबर शातिर ठग अपनी वाट्सएप डीपी पर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के पुलिस अधीक्षक की फोटो लगाकर एसटीएफ के सदस्यों और उनकी जान-पहचान वालों से रकम मांग रहा है। वाट्सएप पर मैसेज आने के बाद एक इंस्पेक्टर ने तो फर्जी पुलिस अधीक्षक के खाते में रकम ट्रांसफर भी कर दी। लेकिन खाते में रकम क्रेडिट नहीं होने के कारण इंस्पेक्टर के खाते में पैसे वापस आ गए। एसटीएफ के असिस्टेट सबइंस्पेक्टर (एएसआइ) से 98 हजार रुपये तुरंत ट्रांसफर करने को कहा गया था। अनजान नंबर होने पर एएसआइ ने पैसा ट्रांसफर करने से पहले पड़ताल की तो सच्चाई सामने आ गई। साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जिस नंबर पर वाट्सएप चल रहा है, वह तमिलनाडु की आइडी पर लिया हुआ नंबर है।

एएसआइ रोहतास एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) भूपेंद्र सिंह के रीडर के रूप में तैनात हैं। 16 नवंबर को उनके वाट्सएप पर एक अनजान नंबर से मैसेज आया। डीपी में एसटीएफ के एसपी भूपेंद्र सिंह की फोटो लगी थी। मैसेज में कहा गया था कि उन्हें 98 हजार रुपये की तुरंत जरूरत है। मैं अभी मीटिग में हूं। यहां से फ्री होने के बाद पैसा वापस कर दूंगा।

रोहतास इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि एसपी भूपेंद्र सिंह के पास केवल एक ही मोबाइल नंबर है। रोहताश ने इस बात की जानकारी तुरंत एसपी को दी। एसपी के पास रोहतास के अलावा कई मिलने वालों के फोन भी आ चुके थे। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि एसपी की कांटेक्ट लिस्ट में जितने भी नंबर शामिल हैं, उस पूरी लिस्ट को हैकर ने हैक कर लिया है। सभी पर इस तरह के संदेश भेज कर पैसे की मांग की जा रही है। एक इंस्पेक्टर ने संदेश आने पर पैसा ट्रांसफर भी कर दिया था। किस्मत अच्छी रही कि हैकर के खाते में पैसा ट्रांसफर नहीं हो पाया। बैंक ने थोड़ी देर बाद ही इंस्पेक्टर के खाते में पैसा वापस कर दिए।

साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा एसटीएफ भी अपने स्तर पर इस गिरोह को पकड़ने के लिए जांच पड़ताल कर रही है। एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस को इस मामले में जल्द ही कामयाबी मिलने की उम्मीद है। पुलिस के हाथ गिरोह तक पहुंच चुके हैं।

सावधान रहें

कोई भी शख्स किसी की भी शख्स के फेसबुक प्रोफाइल तथा वाट्सएप डीपी से फोटो निकाल सकता है। हैकर द्वारा फेसबुक आइडी हैक कर डीसीपी ट्रैफिक तथा एसीपी के नाम पर लोगों से मदद के नाम पर रकम मांगने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। ऐसे में किसी भी जानकार के नाम पर जरूरी काम बता रकम मांगी जाए जो पहले जांच कर लें। मैसेज देखकर बिना पुष्टि किए रकम ट्रांसफर करने से बचें।

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