आउटसोर्स एजेंसी के पीएफ गड़बड़झाले की होगी जांच

नगर निगम में आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध करवाने वाली एजेंसियों के पीएफ एवं ईएसआइ की जांच के लिए गठित कमेटी की बैठक सोमवार को डिप्टी मेयर सुनीता यादव की अध्यक्षता में हुई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 06:43 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 07:00 PM (IST)
आउटसोर्स एजेंसी के पीएफ गड़बड़झाले की होगी जांच
आउटसोर्स एजेंसी के पीएफ गड़बड़झाले की होगी जांच

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: नगर निगम में आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध करवाने वाली एजेंसियों के पीएफ एवं ईएसआइ की जांच के लिए गठित कमेटी की बैठक सोमवार को डिप्टी मेयर सुनीता यादव की अध्यक्षता में हुई। बैठक में डिप्टी मेयर ने नगर निगम के मुख्य लेखा अधिकारी सुमंत कुमार को निर्देश दिए कि वे एक माह के भीतर एजेंसियों के एस्क्रो अकाउंट खुलवाना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही पीएफ राशि की जांच के लिए पीएफ कमिश्नर (भविष्य निधि आयुक्त) को पत्र लिखा जाए।

मेयर ने एजेंसियों के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि वे नगर निगम में आउटसोर्स आधार पर लगे कर्मचारियों को प्रति माह वेतन पर्ची उपलब्ध कराएं। इसके साथ ही पूरा रिकार्ड एक माह के अंदर दुरुस्त करें। अगर एक माह में इन सभी निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है, तो अगली बैठक में पूरे मामले की जांच के लिए स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को शिकायत भेजी जाएगी। बैठक में अतिरिक्त निगमायुक्त रोहताश बिश्नोई, पार्षद रविद्र यादव व मुख्य लेखा अधिकारी सुमंत कुमार सहित स्थापना शाखा व लेखा शाखा के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। इसके अलावा कर्मचारी मुहैया करवाने वाली एजेंसी एमआइटूसी व आरएस एंटरप्राइजेज के प्रतिनिधि भी बैठक में मौजूद हुए।

स्ट्रीट वेंडिग घोटाले में एजेंसियों से सात करोड़ की नहीं हुई रिकवरी

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: स्ट्रीट वेंडिग एजेंसियों द्वारा किए गए लगभग सात करोड़ के घोटाला मामले में फिलहाल नगर निगम के अधिकारी फाइलों को सिर्फ इधर-उधर घुमा रहे हैं। एजेंसियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। नियमानुसार इन एजेंसियों से रेहड़ी वालों से निगम की फीस वसूली जानी थी। गत माह यानी मार्च में स्ट्रीट वेंडिग के मु्द्दे पर निगम सदन की बैठक में भी काफी हंगामा हुआ था, लेकिन पार्षदों की मांग को भी अनसुना कर दिया गया। एक माह में निगम अधिकारियों ने सिर्फ इन एजेंसी को निगम की स्ट्रीट वेंडिग फीस जमा करवाने का नोटिस ही भेजा है।

बता दें कि नगर निगम ने 2016 में जिन स्ट्रीट वेंडिग एजेंसी को तीन साल के पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर काम सौंपा गया था, वे वर्क आर्डर की समयसीमा खत्म होने के डेढ़ साल बाद तक स्ट्रीट वेंडर्स (रेहड़ी वालों) से अवैध रूप से उगाही कर रही थी। प्रत्येक रेहड़ी वाले से 1500 रुपये प्रति माह के हिसाब से अवैध रूप से वसूले गए, लेकिन निगम के खातों में यह राशि जमा नहीं करवाई। स्ट्रीट वेंडिग एजेंसियों ने लगभग सात करोड़ रुपये का घोटाला किया है।

मामला संज्ञान में आते ही निगम अधिकारियों ने तीन एजेंसियों का वर्क आर्डर रद किया था। इसके साथ ही इन एजेंसियों द्वारा अवैध रूप से उगाही गई राशि को ब्याज सहित रिकवरी (वसूली) के आदेश दिए गए थे। निगम अधिकारियों के मुताबिक लीओ मीडियाकाम, एग्मैक और एसएसपीएल एजेंसी की सेक्टर 4, 14, 23, 32, 38, 44, 46 और 56 सहित कई सेक्टरों में रेहड़ियां लग रही हैं।

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