शौक पूरा करने को अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डाल रहे हैं लोग

अपने शौक व टशन के लिए निजी वाहनों में माडिफिकेशन एक चलन बन गया है। कुछ युवा अपने वाहनों में माडिफिकेशन कर न केवल अपने जीवन के साथ खिलवाड़ करते हैं बल्कि दूसरों की जान जोखिम में डालने का भी काम कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 06:02 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 08:49 PM (IST)
शौक पूरा करने को अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डाल रहे हैं लोग
शौक पूरा करने को अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डाल रहे हैं लोग

महावीर यादव, बादशाहपुर (गुरुग्राम)

अपने शौक व टशन के लिए निजी वाहनों में माडिफिकेशन एक चलन बन गया है। कुछ युवा अपने वाहनों में माडिफिकेशन कर न केवल अपने जीवन के साथ खिलवाड़ करते हैं, बल्कि दूसरों की जान जोखिम में डालने का भी काम कर रहे हैं। सबसे ज्यादा कई लोग जीप को बेहतर तरीके से माडिफाइ कर चलाते हैं। मालवाहक वाहनों की बाडी भी परिवहन विभाग के नियमों को ताक पर रखकर तैयार करवा लेते हैं। कमर्शियल वाहनों की बाडी तैयार करने वाले वर्कशाप संचालकों पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। कारों में शौकिया लगाई जा रही है फैंसी लाइट: आजकल निजी वाहनों (कारों) में फैंसी लाइट लगाने का काफी चलन हो रहा है। कई युवा अपनी कार में आगे पीछे कई तरह की लाइट लगवा रहे हैं। इन लाइटों के लगाए जाने के कारण कार में अलग से कई तरह की तारों का जाल फैल जाता है। कार का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद इन लाइटों को बाहर निजी वर्कशाप में लगवाया जाता है। इन वर्कशाप में कुछ नौसिखिया कारीगर आनन-फानन में तारों को ढीला छोड़ देते हैं। इसकी वजह से स्पार्किंग होकर कार में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। अधिकतर कारों में आग लगने की घटना इसी कारण हो रही है। डेटाइम रनिग लाइट (डीआरएल) का चलन आजकल सबसे ज्यादा हो रहा है। इसके अलावा कार में लाल और नीले रंग की एलईडी भी लगवाई जा रही है ताकि गाड़ी में वीवीआइपी लुक लगे। ज्यादा ब्राइटनेस वाली हेड लाइट भी युवकों की पहली पसंद बन रही हैं। कमर्शियल वाहनों की मनमर्जी से होती है बाडी तैयार: कमर्शियल वाहनों में बाडी बनाने वालों वर्कशाप संचालकों के पास कोई नियम नहीं है। उनके पास कोई भी व्यक्ति अपने वाहन में अपनी मर्जी से बाडी को ऊंचा या चौड़ा करा सकता है। सोहना में पलवल रोड पर कई बाडी बनाने के लिए वर्कशाप हैं। इसी तरह शीतला माता रोड पर निजी कारों में बदलाव करने के लिए काफी संख्या में कारीगर बैठे हैं। नियम कानूनों को ताक पर रखकर इन लोगों से कोई भी व्यक्ति अपने वाहन में मनमर्जी से बदलाव करा सकता है। कंपनी व परिवहन विभाग की तरफ से इसमें बदलाव करने का प्रविधान भी है। कुछ लोग कम खर्च के लिए अपने वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट फिट करवा लेते हैं पर कुछ लोग कंपनी से बाहर निजी वर्कशाप में यह किट लगवाकर खतरा मोल ले रहे हैं।

हमारी टीम रोजाना वाहनों की चेकिग के लिए सड़कों पर रहती है। नियमों को ताक पर रखकर किसी भी प्रकार का वाहन में बदलाव करने वाले वाहन चालकों के लगातार चालान किए जा रहे हैं। पहले कुछ डंपर और ट्रैक्टर ट्रालियों में ज्यादा सामान भरने के लिए अलग से बाडी ऊंची करा ली जाती थी। अब ऐसे काफी वाहनों की बाडी कटवा दी गई है। ओवरलोडिग वाहनों पर सबसे ज्यादा फोकस है।

धारणा यादव, सचिव, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) वाहन का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उसमें किसी भी तरह का बदलाव कराना नियम के विरुद्ध है। ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जाता रहता है। आरटीए और पुलिस विभाग ऐसे लोगों के साथ सख्ती से निपटने का काम कर रही है। नियमों को ताक पर रखने वालों के चालान भी किए जा रहे हैं। ऐसे वाहनों को जब्त भी किया जाता है।

मनीषा शर्मा, एसडीएम, बादशाहपुर

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