किसान आंदोलन के चलते केएमपी एक्सप्रेस-वे पर बढ़ा यातायात

नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली आने-जाने वाले कई सड़कों पर किसान धरना दे रहे हैं जिसके चलते रास्ते बंद हैं। ऐसे में कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की संख्या बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Jan 2021 05:28 PM (IST) Updated:Mon, 11 Jan 2021 05:28 PM (IST)
किसान आंदोलन के चलते केएमपी 
एक्सप्रेस-वे पर बढ़ा यातायात
किसान आंदोलन के चलते केएमपी एक्सप्रेस-वे पर बढ़ा यातायात

जागरण संवाददाता, मानेसर: नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली आने-जाने वाले कई सड़कों पर किसान धरना दे रहे हैं, जिसके चलते रास्ते बंद हैं। ऐसे में कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की संख्या बढ़ गई है। कुंडली सीमा पर किसानों का धरना होने से केएमपी ही एकमात्र विकल्प बचा है। केएमपी एक्सप्रेस-वे पर कई जगह किसानों द्वारा टोल प्लाजा को फ्री कर दिया गया है। गुरुग्राम में किसान आंदोलन का असर नहीं होने से सभी टोल प्लाजा सुचारु रूप से चल रहे हैं। अन्य जिलों में केमएपी एक्सप्रेस-वे के टोल प्लाजा को किसानों द्वारा फ्री किया गया है। आंदोलन शुरू होने से पहले केएमपी एक्सप्रेस-वे पर रोजाना करीब 40 हजार वाहन गुजरते थे। अब इनकी संख्या करीब साठ हजार हो गई है।

औद्योगिक परिवहन के लिए अब केएमपी एक्सप्रेस-वे ही एकमात्र विकल्प बचा है। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर जयसिंहपुर खेड़ा में जाम होने से इस तरफ भी वाहन नहीं पहुंच रहे हैं। इसके अलावा पलवल की तरफ भी किसान आंदोलन का असर है। चंडीगढ़ से आने और जाने वाले वाहन भी केएमपी से गुजर रहे हैं। इसके कारण यहां वाहनों की संख्या काफी बढ़ गई है। झज्जर जिले में टोल प्लाजा को फ्री किया गया है। इससे वाहन बिना टोल भुगतान किए निकल जा रहे हैं।

किसान आंदोलन से चंडीगढ़ रोड पर कुंडली बार्डर पर आवागमन बंद है। ऐसे में चंडीगढ़ से आने वाले वाहनों को अगर दिल्ली या गुरुग्राम जाना है तो केएमपी से ही जाया जा सकता है। इन दिनों केएमपी से गुजरने वाले अधिकतर वाहन कमर्शियल श्रेणी के हैं। छोटे वाहनों की संख्या भी काफी बढ़ गई है। किसान आंदोलन के कारण टीकरी बार्डर और ढांसा बार्डर पर किसानों का धरना है। ऐसे में लोगों को दिल्ली में जाने के लिए भी गुरुग्राम से ही एकमात्र रास्ता है। कुंडली बार्डर से पचगांव चौक होकर सीधा दिल्ली-जयपुर हाईवे से दिल्ली में प्रवेश किया जा सकता है।

उद्योगों से कच्चा माल और तैयार माल कहीं भी भेजने के लिए केएमपी एक्सप्रेस-वे ही विकल्प बचा है। किसी भी वाहन चालक को चंडीगढ़ जाना हो तो केएमपी से ही जाना पड़ता है। किसान आंदोलन का असर उद्योगों पर काफी दिख रहा है।

मनोज त्यागी, महासचिव, आइएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन

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