बालिकाओं के नाम पर होगी घरों की पहचान, प्रशासन ने दी नेम प्लेट

जिले में बालिकाओं के प्रति लोगों के ²ष्टिकोण में बदलाव के लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष पहल की गई है। इसके अंतर्गत गांवों में बालिकाओं की नेमप्लेट घरों के बाहर लगाई जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 06:25 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 06:25 PM (IST)
बालिकाओं के नाम पर होगी घरों की पहचान, प्रशासन ने दी नेम प्लेट
बालिकाओं के नाम पर होगी घरों की पहचान, प्रशासन ने दी नेम प्लेट

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: जिले में बालिकाओं के प्रति लोगों के ²ष्टिकोण में बदलाव के लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष पहल की गई है। इसके अंतर्गत गांवों में बालिकाओं की नेमप्लेट घरों के बाहर लगाई जाएगी। सोमवार को अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पवार ने कुछ गांवों में बालिकाओं के नाम की प्लेट बनवाकर उनकी माताओं को सौंपा है। उन्होंने बताया कि इस पहल के तहत प्रारंभिक तौर पर जिले के ऐसे गांवों का चयन किया गया है जिनका लिगानुपात ठीक नहीं है।

अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि गांव सिरहौल व खांडसा में अप्रैल से अक्टूबर तक जन्मी बालिकाओं के नेमप्लेट बनवाकर दी गई हैं। सिरहौल गांव में जियांशी पुत्री विनोद, निधि पुत्री राहुल व राशि पुत्री भगतराम को बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं के चिन्ह वाली आकर्षक नेम प्लेट भेंट की गई है। इसी प्रकार खांडसा गांव से परी पुत्री अजय, कृति सुमन पुत्री गौतम को भी अतिरिक्त उपायुक्त ने नेम प्लेट दी।

अतिरिक्त उपायुक्त ने ये नेमप्लेट बालिकाओं व उनकी माताओं को भेंट की। कहा कि वह इन्हें अपने घरों के बाहर लगवाएं। प्रशांत पवार ने लोगों से अपील किया कि समाज की पुरानी रूढ़ीवादी विचारधारा में सकारात्मक बदलाव की जरूरत है। इस अभियान का मकसद समाज में लोगों के बीच नवचेतना का विकास करना है।

सभी खंडों में कम लिगानुपात वाले गांवों का चयन करने का कार्य किया जा रहा है। इसमें स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मिलकर भूमिका निभाई जा रही है। यहां विशेष जागरूकता कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।

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