रात्रि क‌र्फ्यू से डगमगाई उद्योग जगत की चाल

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने आमजन से लेकर उद्योग जगत को भी संकट डाल दिया है। उद्यमियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने अचानक रात्रि क‌र्फ्यू लगा दिया है। इससे उद्योग जगत का संकट काफी बढ़ गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 07:37 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 07:46 PM (IST)
रात्रि क‌र्फ्यू से डगमगाई उद्योग जगत की चाल
रात्रि क‌र्फ्यू से डगमगाई उद्योग जगत की चाल

यशलोक सिंह, गुरुग्राम

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने आमजन से लेकर उद्योग जगत को भी संकट डाल दिया है। उद्यमियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने अचानक रात्रि क‌र्फ्यू लगा दिया है। इससे उद्योग जगत का संकट काफी बढ़ गया है। गुरुग्राम में ढाई हजार से अधिक औद्योगिक, कारपोरेट, बीपीओ और काल सेंटर हैं जिनमें नाइट शिफ्ट में काम होता है। इन सभी के लिए परेशानी हो गई है। उद्यमियों का कहना है कि दो शिफ्ट में काम करने वाले स्थिति को किसी न किसी प्रकार से अपने अनुकूल बनाने का काम कर रहे हैं मगर तीन शिफ्ट वाली कंपनियों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। उद्यमियों का कहना है कि उद्योगों के लिए स्थिति को प्रशासनिक स्तर पर पूरी तरह से स्पष्ट किया जाए। अभी इस क्षेत्र के लोग काफी असमंजस में हैं।

औद्योगिक एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि उनके पास सदस्य कंपनियों के प्रबंधन की ओर से सूचना मिल रही है कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाली कंपनियों को दिक्कत होने लगी है। उद्यमियों को इस बात को लेकर परेशान हैं कि सरकार ने अचानक रात्रि क‌र्फ्यू की घोषणा कर दी। यदि इसकी जानकारी दो-तीन दिन पहले मिल जाती तो सभी अपनी व्यवस्था तैयार कर लेंगे। उद्यमी राकेश खुराना का कहना है कि पिछले साल कोरोना के कारण उद्योग जगत को भारी नुकसान हुआ है इस बार भी सरकार ने अचानक रात्रि क‌र्फ्यू की घोषणा कर स्थिति को जटिल बना दिया है। हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के चेयरमैन किशन कपूर का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि उद्योगों के लिए एक बार फिर से कठिन समय शुरू हो गया है।

औद्योगिक इकाइयों और बीपीओ-काल सेंटर के अधिकारियों का कहना है कि उनके यहां सुबह छह से दोपहर ढाई बजे, दोपहर ढाई बजे से रात 11:00 बजे तक और रात 11:00 बजे से सुबह छह बजे तक की तीन शिफ्ट चलती है। पहली शिफ्ट में तो कोई दिक्कत नहीं है। मगर संकट दूसरी शिफ्ट में आरंभ होती है। इस शिफ्ट के लिए कर्मचारी को कंपनी में आ जाएंगे मगर रात 11:00 बजे अपने घर कैसे जाएंगे। वहीं तीसरी शिफ्ट के लिए जो लोग अब तक रात 11:00 बजे आते थे उन्हें कंपनियां रात नौ बजे से पहले ही बुला लेंगी। मुसीबत तो दूसरी शिफ्ट में छूटे लोगों को घर भेजने में है। दूसरी शिफ्ट बंद करने से उद्योगों के उत्पादन और आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक अवसर पड़ेगा। रात्रि क‌र्फ्यू के अचानक लगने से उद्यमी काफी परेशान हैं। उनकी समस्या को देखते हुए जीआइए द्वारा उच्चाधिकारियों से संपर्क कर उद्योगों की चिता को दूर करने का आग्रह किया गया है। तीन शिफ्ट में काम कराने वाले उद्यमियों को इससे काफी दिक्कत आ रही है।

- जेएन मंगला, अध्यक्ष, गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन रात्रि क‌र्फ्यू के कारण तीन शिफ्टों में काम करने वाली कंपनियों को प्राथमिक स्तर पर परेशानी आने लगी है। इससे आटोमोबाइल, फूड प्रोसेसिग, चिलिग प्लांट, माल्ट, बीपीओ और काल सेंटरों की दिक्कत बढ़ गई है। उद्योगों की चिता को दूर किया जाना चाहिए।

- दीपक मैनी, महासचिव, फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री, हरियाणा

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