निगम सदन की बैठक: निर्माण के दौरान पेड़ काटे तो जेब होगी ढ़ीली
घर या किसी भी तरह का निर्माण करने के दौरान पेड़ काटा गया तो निर्माण करने वाले को अपनी जेब ढ़ीली करनी होगी।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: घर या किसी भी तरह का निर्माण करने के दौरान पेड़ काटा गया तो निर्माण करने वाले को अपनी जेब ढ़ीली करनी होगी। सेक्टर 18 स्थित हिपा (हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान) के हाल में शनिवार को नगर निगम सदन की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। शहर में निर्माण कार्य के चलते हरियाली को उजाड़ा जा रहा है। लेकिन नए पेड़ नहीं लगाए जा रहे हैं। इस संबंध में वन विभाग की ओर से निगम क्षेत्र में पेड़ काटने की अनुमति पहले निगम और बाद में वन विभाग की ओर से देने का प्रस्ताव भेजा था। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि घर के बाहर जो पेड़ होगा, वह संपत्ति नगर निगम की है। इसलिए पेड़ काटने की अनुमति पहले नगर निगम से लेनी होगी उसके बाद वन विभाग मंजूरी देगा। जिला वन अधिकारी सुभाष यादव ने कहा कि 10 पेड़ लगाने का खर्च पीडब्ल्यूडी एचएसआर (हरियाणा शेड्यूल रेट) के मुताबिक 43 हजार रुपये है, यानी अगर एक पेड़ काटा तो इसको लगाने की एवज में 4300 रुपये जमा करवाने होंगे। पेड़ लगाने का खर्च नगर निगम में जमा करवाने पर सहमति बनी। खास बात ये है कि निगम सदन की बैठक हिपा के एक बेहद छोटे हाल में हुई थी और नई निगम अधिकारी और पार्षद कोरोना संक्रमण के दौरान भी बिना मास्क लगाए बैठे रहे। बैठक में मेयर मधु आजाद, सीनियर डिप्टी मेयर प्रोमिला कबलाना, डिप्टी मेयर सुनीता यादव, नगर निगम आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा सहित अन्य अधिकारी और पार्षद मौजूद रहे। पैसे निगम ने खर्च करने हैं तो संपत्ति वापस लो
जीएमडीए (गुरुग्राम मेट्रोपालिटन डेवलपमेंट अथारिटी) से नगर निगम की संपत्तियों को वापस लेने के बारे में बैठक में पार्षदों ने कहा कि अगर विकास कार्य निगम के पैसे से हो रहे हैं तो इन संपत्तियों को वापस ले लिया जाए। पार्षदों ने जीएमडीए को निगम द्वारा दिए गए 500 करोड़ रुपये पर भी सवाल उठाए। निगमायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने कहा कि विकास कार्यों के प्रस्ताव बनाने में पार्षदों की भी भागीदारी होनी चाहिए, जीएमडीए से इस बारे में चर्चा की जाएगी। चौधराहट में फंसा पार्कों का रखरखाव
नगर निगम के अधीन 800 पार्क हैं, जिनका रखरखाव आरडब्ल्यूए और वार्ड कमेटी कर रही है। आरडब्ल्यूए से पार्कों का रखरखाव करवाने का पार्षदों ने विरोध किया। वार्ड 19 के पार्षद अश्वनी शर्मा ने कहा कि आरडब्ल्यू पार्षदों के अधीन हो। सामुदायिक केंद्रों का रखरखाव भी आरडब्ल्यूए को दिया हुआ है। निगमायुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने कहा कि जहां काम ठीक चल रहा है, वहां के पार्कों को आरडब्लूए से नहीं हटाया हटाया जाएगा। मेयर मधु आजाद ने कहा कि दो दिन में इस पर फैसला ले लिया जाएगा। निगम सदन की बैठक में नियम विरुद्ध महिला पार्षदों के अलावा उनके पति भी मौजूद रहे। निगम अधिकारियों ने भी इस पर आपत्ति नहीं जताई। प्रत्येक वार्ड में सड़क का सौंदर्यीकरण कराने का सुझाव
पार्षद कुलदीप बोहरा ने प्रत्येक वार्ड में एक सड़क का सौंदर्यीकरण कराने का सुझाव दिया। पार्षदों ने कहा कि इस तरह सभी वार्ड में 35 सड़कों का सुधार हो सकता है। पार्षदों ने स्ट्रीट लाइट लगाने वाली ईईएसएल कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। पार्षद अश्वनी शर्मा ने कहा कि स्वच्छता सलाहकार हरभजन सिंह निगम में करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं और इनका लाखों रुपये वेतन है। लेकिन पालीथिन और प्लास्टिक पर प्रतिबंध नहीं लगा है। आईएल एंड एफएस की होगी जांच
पार्षदों ने कहा कि शहर में सीएंडडी वेस्ट यानी मलबे के ढ़ेर लग चुके हैं। बसई स्थित सीएंडडी वेस्ट प्लांट संचालित करने वाली एजेंसी आईएल एंड एफएस ने आर्वी कंपनी को काम सबलेट कर दिया है। पार्षदों ने एजेंसी के कार्यों की जांच की मांग की। निगमायुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने कहा कि इस मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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ना वो मुद्दे, ना वो तेवर नजर आए
सदन की बैठक की शुरुआत में दिवंगत पार्षद आरएस राठी को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। पूरी बैठक के दौरान कुछ पुराने एजेंडा और मुद्दे ही छाए रहे। पार्षद आरएस राठी ने पूर्व में सदन की बैठकों में कई महत्वपूर्ण एजेंडा रखे थे, लेकिन इस बार की बैठक में पार्षदों के तेवर तल्ख नजर नहीं आए।