मानसून के दौरान सभी कार्यकारी अभियंता और उनकी टीम फील्ड में रहेगी: मुकेश कुमार आहुजा

गुरुग्राम नगर निगम में नए आयुक्त आइएएस अधिकारी मुकेश कुमार आहुजा ने कार्यभार संभालगुरुग्राम नगर निगम में नए आयुक्त आइएएस अधिकारी मुकेश कुमार आहुजा ने कार्यभार संभाल लिया है। वे पहले पंचकूला में बतौर उपायुक्त अपनी सेवाएं दे रहे थे। गुरुग्राम नगर निगम प्रदेश का सबसे बड़ा नगर निगम है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 04:36 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 06:21 PM (IST)
मानसून के दौरान सभी कार्यकारी अभियंता और उनकी टीम फील्ड में रहेगी: मुकेश कुमार आहुजा
मानसून के दौरान सभी कार्यकारी अभियंता और उनकी टीम फील्ड में रहेगी: मुकेश कुमार आहुजा

गुरुग्राम नगर निगम में नए आयुक्त आइएएस अधिकारी मुकेश कुमार आहुजा ने कार्यभार संभाल लिया है। वे पहले पंचकूला में बतौर उपायुक्त अपनी सेवाएं दे रहे थे। गुरुग्राम नगर निगम प्रदेश का सबसे बड़ा नगर निगम है। प्रदेश सरकार को अकेले गुरुग्राम जिले से ही 60 फीसद से ज्यादा राजस्व मिलता है। गगनचुंबी इमारतों के शहर में विकास की बड़ी जिम्मेदारी नगर निगम के पास है। नए गुरुग्राम के बिल्डर एरिया या सुपर पाश इलाकों को अगर छोड़ दें तो ऐसी कालोनियों और गांव ज्यादा हैं जिनको मूलभूत सुविधाओं का इंतजार है। शहर में पेयजल, सड़क, सीवर, स्ट्रीट लाइटों जैसी सुविधाएं भी नगर निगम ही मुहैया कराता है। शहर में अब किस तरह से विकास कार्य होंगे, सफाई से जुड़ी समस्याओं से कैसे निपटा जाएगा, मानसून में जलभराव को रोकने की क्या तैयारी है, इन तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक जागरण के संदीप रतन ने नवनियुक्त निगम आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत है मुख्य अंश:

आपने ज्वाइन करते ही शहर की स्वच्छता पर फोकस किया है, स्वच्छता रैंकिग में कितना सुधार होगा?

- किसी भी शहर की पहचान वहां की सुविधाओं से पहले साफ-सफाई से होती है। शहर में प्रवेश करते ही अगर गंदगी हो तो छवि खराब होती है। साथ ही स्वास्थ्य की ²ष्टि से भी देखें तो स्वच्छता का अहम योगदान है। निगम की सैनिटेशन विग के अधिकारियों की बैठक लेकर शहर को स्वच्छ रखने के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ बंधवाड़ी लैंडफिल साइट का भी दौरा कर पुराने कचरे का निपटान कर इको ग्रीन कंपनी को अक्टूबर तक दस एकड़ जमीन खाली करने को कहा गया है। यहां पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित करवाने का कार्य जल्द शुरू करवाने का प्रयास है। इससे निश्चित तौर पर स्वच्छता रैंकिग में भी सुधार होगा।

मानसून में जलभराव से निपटने की कितनी तैयारी है?

- मानसून की बारिश शुरू होने से पहले सभी नालों की सफाई करने के आदेश दिए गए हैं। अगर कहीं पर भी जलभराव हुआ तो अपने-अपने क्षेत्रों में कार्यकारी अभियंता जिम्मेदार होंगे। जलभराव वाले संवेदनशील स्थानों की सूची तैयार कर ली गई है। नालों की सफाई के साथ-साथ जलभराव वाली जगहों पर पंपों व अन्य मशीनरी लगाने की भी व्यवस्था की जाएगी। मानसून के दौरान सभी कार्यकारी अभियंता और उनकी टीम फील्ड में रहेगी। सड़कों पर बारिश का पानी भरने से शहरवासी परेशान न हों, इसके पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।

सिटिजन चार्टर का पालन करवाने के लिए क्या करेंगे?

-प्रत्येक काम के लिए विभागों में कार्यों की एक समय-सीमा तय की गई है। सभी शाखाओं के प्रभारियों को निर्धारित समयावधि में आमजन के कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। इसकी मानीटरिग के लिए भी एक आंतरिक प्रणाली है। विवाह पंजीकरण, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अन्य सेवाओं को समय पर देने का प्रयास है। कोरोना संक्रमण के चलते कार्यालयों में भीड़ न हो, साथ ही लोगों को चक्कर भी न काटने पड़ें, इसके लिए ज्यादातर सेवाओं को आनलाइन किया जा चुका है। करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद शहर में सीएंडडी वेस्ट की समस्या है?

-शहर में कहीं पर भी मलबा नजर न आए, इसका पूरा प्रयास रहेगा। अभी हाल ही में मैंने ज्वाइन किया है, काफी चीजों को देखा भी है और जहां भी समस्या आ रही है उसको दूर किया जाएगा। डंपिग प्वाइंट से लेकर बसई के सीएंडडी वेस्ट प्लांट तक किए जा रहे कार्याें की पूरी मानीटरिग की जाएगी। फील्ड में जाकर भी चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया जाएगा।

निगम की विजिलेंस विग के पास कई मामलों की जांच लंबित है?

- विजिलेंस विग किस तरह कार्य कर रही है, कितनी और कैसी जांच लंबित हैं इसकी पूरी स्टडी की जाएगी। लंबित जांचों को जल्द पूरा करने के आदेश दिए जाएंगे। जो जांच ज्यादा पुरानी है और उनका निपटारा पहले किया जाएगा। निगम में आय कम और खर्च ज्यादा हो रहा है ?

- निगम के सभी शाखा अध्यक्षों से आय व व्यय का ब्यौरा मांगा जाएगा। निगम का दायरा काफी बड़ा है और पिछले दिनों निगम में 16 नए गांवों को भी शामिल किया गया था। ऐसे में इन नए क्षेत्रों में विकास कार्य करवाए जाने हैं और बजट की भी जरूरत होगी। संपत्ति कर, विज्ञापन, स्टांप ड्यूटी आदि स्त्रोत से निगम की आय बढ़ाने के प्रयास होंगे।

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