बातें लोकल की, उत्पाद बिक रहे चाइनीज

लोकल के लिए बनें वोकल नारे के बीच चाइनीज उत्पादों की बाजारों में भरमार है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 04:38 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 04:38 PM (IST)
बातें लोकल की, उत्पाद बिक रहे चाइनीज
बातें लोकल की, उत्पाद बिक रहे चाइनीज

यशलोक सिंह, गुरुग्राम लोकल के लिए बनें वोकल नारे के बीच चाइनीज उत्पादों की बाजारों में भरमार है। शहर के सदर बाजार से लेकर माल तक में चीन के बने उत्पादों की लोग भरपूर खरीदारी कर रहे हैं। इसका मतलब यह कतई नहीं है कि स्थानीय उत्पादों के प्रति लोग दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। ग्राहकों में स्थानीय उत्पादों के प्रति रुझान साफ दिख रहा है मगर उनकी उपलब्धता काफी कम है। दीपावली पर घरों को रोशनी से सजाने के लिए इस समय बाजारों में बिजली की लड़ियों की भारी मांग है। जो 80 प्रतिशत चाइना की हैं और 20 प्रतिशत स्थानीय। इनके मूल्य में जमीन-आसमान का अंतर है। इस कारण न चाहते हुए भी लोगों को चाइना वाली ही खरीदनी पड़ रही हैं।

कारोबारियों का कहना है कि बाजार में वही चाइनीज आइटम बिक रहे हैं। जो पहले ही देश में मौजूद हैं। इनका कहना कि देश में लाकडाउन मार्च में लगा। दीपावली वाले आइटम जनवरी में ही चीन से देश में पहुंच चुके थे। यही कारण है कि इलेक्ट्रिक से लेकर घरों की सजावट वाले आइटमों की बाजार में इस समय धूम है। दीपावली के डिजाइनर दीयों, आर्टिफिशियल फ्लावर, फ्लावर वाज, शो-पीस, देवी-देवताओं से लेकर अन्य प्रकार की मूर्तियां, विभिन्न प्रकार की लाइट और पेंटिग बाजार में खूब बिक रही हैं। सेक्टर-31 स्थित मार्केट में खिलौनों के कारोबारी विजय दास का कहना है कि 85 प्रतिशत से अधिक खिलौने चाइना वाले हैं। स्थानीय खिलौने कम ही हैं मगर वह इतने महंगे हैं कि लोग उन्हें खरीदते ही नहीं हैं।

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बाजारों में त्योहारी सीजन को लेकर खरीदारी का दौर शुरू हुआ है। लाइटों से लेकर घरों की सजावट से संबंधित आइटमों की बात करें तो इसमें चाइनीज उत्पादों का ही बोलबाला है। इन चीजों का स्थानीय स्तर पर उत्पादन काफी कम है।

-लवली आहूजा, कारोबारी

-- घरों को सजाने वाली इलेक्ट्रिक झालर वाली लाइटों में सबसे अधिक चाइनीज ही बिक रही हैं। लोकल स्तर पर इनका उत्पादन काफी कम है। वहीं चाइनीज आइटमों का भाव स्थानीय आइटमों से 60 प्रतिशत तक कम है।

-जसबीर सिंह, इलेक्ट्रिक आइटम के कारोबारी --

दीपावली को लेकर लोग अपने घरों को लाइटों से सजाने के लिए खरीदारी कर रहे हैं। उनकी पंसद अभी भी चाइनीज लाइटें ही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि ऐसे आइटमों का स्थानीय स्तर पर अभाव है। जो हैं वह काफी महंगे हैं।

-अभिषेक सेतिया, इलेक्ट्रिक आइटम के कारोबारी

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