बेटियों के प्रोत्साहन को जिला प्रशासन की नई पहल

बेटियों को प्रोत्साहित करने के लिए जिला प्रशासन ने एक नई पहल की है। इसके अंतर्गत अकेली बेटी वाले परिवारों की बेटियों को विभिन्न क्षेत्रों में उनके बेहतरीन प्रदर्शन के आधार पर सम्मानित किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Nov 2020 04:33 PM (IST) Updated:Fri, 13 Nov 2020 04:34 PM (IST)
बेटियों के प्रोत्साहन को जिला प्रशासन की नई पहल
बेटियों के प्रोत्साहन को जिला प्रशासन की नई पहल

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: बेटियों को प्रोत्साहित करने के लिए जिला प्रशासन ने एक नई पहल की है। इसके अंतर्गत अकेली बेटी वाले परिवारों की बेटियों को विभिन्न क्षेत्रों में उनके बेहतरीन प्रदर्शन के आधार पर सम्मानित किया जाएगा। इस नई पहल के अंतर्गत जिले की 130 बेटियां सम्मानित की जाएंगी। जिसकी शुरुआत बृहस्पतिवार को 16 बेटियों को सम्मानित करके की गई है। बाकी बेटियों को खंड स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।

प्रशासन की इस नई पहल के अंतर्गत जिले के चारों खंडों से राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाली 16 लड़कियों को अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पवार ने पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम की लिखी पुस्तक 'अग्नि की उड़ान' भेंट कर सम्मानित किया। इन छात्राओं ने पढ़ाई, खेल-कूद, नृत्य, पेंटिग या अन्य क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि इस नई पहल से जिले में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को बल मिलेगा। लोगों की बेटियों को आगे बढ़ाने की सोच बनेगी। उन्होंने कहा कि हमें अपने समाज में बेटियों को भी विकास के समान अवसर प्रदान करने चाहिए। लड़के-लड़की में भेदभाव नहीं होना चाहिए। हमें बेटियों को अच्छी व उच्च शिक्षा दिलवाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज के समय में लड़की व लड़कों में भेदभाव ठीक नहीं है। लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से पीछे नहीं हैं।

अतिरिक्त उपायुक्त ने अभिभावकों से कहा कि यह उनके लिए गर्व की बात है कि पूरे जिले में से आपकी बेटियों का चयन किया गया है और उन्हें सम्मानित किया जा रहा है। माता-पिता का बच्चे का उज्ज्वल भविष्य बनाने में सबसे अधिक योगदान होता है। वे अपने बच्चों की हमेशा ताकत बन कर रहें, कभी भी उन्हें कमजोर महसूस न होने दें। साथ ही उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि कुछ माता-पिता की यह सोच रहती है कि बेटी तो पराया धन हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। इस मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी कैप्टन इंदू बोकन ने कहा कि हर बच्चे के अंदर एक विशेष तरह की प्रतिभा होती है जिसे केवल पहचानने की आवश्यक्ता है। हमें उस प्रतिभा की पहचान करते हुए उसे निखारना है।

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