School Reopening News: सोनीपत-गुरुग्राम समेत एनसीआर के शहरों में क्या 1 जुलाई से खुलेंगे स्कूल?

School Reopen Update मिली जानकारी के मुताबिक सोनीपत के साथ-साथ पलवल गुरुग्राम फरीदाबाद समेत दिल्ली से सटे हरियाणा के शहरों के स्कूलों में 15 जुलाई तक बच्चों के लिए छुट्टी रहेगी। इस दौरान सभी कर्मचारी स्कूल आते रहेंगे।

By Jp YadavEdited By: Publish:Wed, 30 Jun 2021 01:16 PM (IST) Updated:Thu, 01 Jul 2021 05:12 AM (IST)
School Reopening News: सोनीपत-गुरुग्राम समेत एनसीआर के शहरों में क्या 1 जुलाई से खुलेंगे स्कूल?
School Reopening News: सोनीपत-गुरुग्राम समेत एनसीआर के शहरों में क्या 1 जुलाई से खुलेंगे स्कूल?

गुरुग्राम/फरीदाबाद/सोनीपत [प्रियंका मेहता दुबे]। एक जुलाई से स्कूलों के खुलने की परंपरा दशकों से चली आ रही है, लेकिन कोरोना वायरस की महामारी ने इस पर ब्रेक लगा दिया है। दिल्ली-एनसीआर के छात्र-छात्राएं और अभिभावक भी स्कूलों के एक जुलाई से खुलने को लेकर भ्रम में हैं तो यह खबर जरूर पढ़ें। दरअसल, कई जगहों पर स्कूल तो खुल रहे हैं, लेकिन छात्र-छात्राओं को नहीं जाना है, सिर्फ शिक्षक ही आएंगे।  यूपी के नोएडा-ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद समेत सभी जिलों में एक जुलाई से स्कूल खुलेंगे, लेकिन शिक्षक ही आएंगे, छात्र-छात्राएं नहीं।

15 जुलाई तक बंद रहेंगे सोनीपत समेत हरियाणा के दिल्ली से सटे सभी शहरों के स्कूल

बता दें कि कोरोना के मौजूदा हालात और खतरे-प्रभाव को देखते हुए हरियाणा सरकार ने गर्मी की छुट्टियों को 15 दिन जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, सोनीपत, पलवल, गुरुग्राम, फरीदाबाद समेत दिल्ली से सटे हरियाणा के शहरों के स्कूलों में 15 जुलाई तक बच्चों के लिए छुट्टी रहेगी। इस दौरान सभी कर्मचारी स्कूल आते रहेंगे। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल के मुताबिक, 25 जुलाई तक 12वीं का रिजल्ट घोषित किया जाएगा, जबकि प्रदेश के आठ लाख विद्यार्थियों को सरकार टेबलेट देगी।

 कहीं ड्रापआउट तो नहीं निजी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी

सरकारी स्कूलों की ही तरह निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का डाटा मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम (एमआइएस) पोर्टल पर भरना होता है लेकिन इस बार बड़ी संख्या में विद्यार्थियों का डाटा इस पोर्टल पर नहीं दिख रहा है। प्रदेश स्तर पर 29, 83, 132 विद्यार्थियों का डाटा था जिसमें से 28 जून तक केवल 17,31,285 विद्यार्थियों का डाटा ही पोर्टल पर अपडेट किया गया है। ऐसे में शिक्षा निदेशालय ने निर्देश दिए हैं कि जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूलों से डाटा भरवाना सुनिश्चत करें। सोमवार को आए प्रपत्र के मुताबिक सभी स्कूलों को इस पोर्टल पर विद्यार्थियों की सारी जानकारी मुहैया करवानी होगी।

जिला शिक्षा अधिकारी इंदू बोकन ने कहा कि उन्होंने चारों खंडों के अधिकारियों को आदेश दे दिए हैं कि वे स्कूलों द्वारा एमआइएस पोर्टल पर जानकारी अपलोड करवाना सुनिश्चित करें। इससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि कितने विद्यार्थी इस सत्र में ड्रापआउट हुए है। जब सभी स्कूल अपने विद्यार्थियों की पूरी जानकारी देंगे तो बचे हुए विद्यार्थियों की संख्या को ड्रापआउट मान लिया जाएगा। हाल में पिछले सत्र के ड्रापआउट विद्यार्थियों की पहचान कर उन्हें स्कूलों में दाखिला दिलवाया है। अब आउट आफ स्कूल बच्चों की पहचान कर उनके लिए विशेष प्रशिक्षण केंद्र बनाए जाएंगे। इनमें उन्हें उम्र के हिसाब से कक्षावार पढ़ाया जाएगा।

माडल संस्कृति स्कूलों को निदेशालय की चेतावनी

कुछ माडल संस्कृति स्कूलों को इस सत्र में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध किया गया है। देखने में आ रहा है कि यह स्कूल लापरवाही कर रहे हैं और सीबीएसई की इमेल का जवाब देने में लेटलतीफी बरत रहे हैं। ऐसे में सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि यह लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी और आगे से स्कूल अगर इस तरह का रवैया रखते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। शिक्षा निदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारियों को कहा है कि उनके जिलों में आने वाले सभी माडल संस्कृति स्कूलों के प्राचार्यों को यह दिशानिर्देश जारी किए जाएं। कई राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य सीबीएसई द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। सीबीएसई द्वारा भेजी गई मेल का समय पर उत्तर नहीं दिया जाता। जिसके कारण कुछ मामलों में स्कूलों को जुर्माना भी किया गया है।

कई बार स्कूलों को नियमों का पालन करने के बारे में भी मौखिक व विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठकों में बताया जा चुका है। ऐसे में अब दोबारा से स्कूलों को कहा गया है कि पोर्टल या पत्राचार द्वारा प्रतिदिन व्यक्तिगत रूप से ई-मेल को चेक किया जाए। अब आगे स्कूल इस तरह की लापरवाही दिखाते हैं तो जुर्माने के लिए स्कूल के प्राचार्य स्वयं जिम्मेदार होंगे। निदेशालय के निर्देशों के मुताबिक अगर इन स्कूलों का चयन हुआ है तो इन्हें अपने दायित्वों का निर्वाह करना चाहिए।

इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी कैप्टन इंदु बोकन ने बताया कि इस बारे में जिले के चारों माडल संस्कृति स्कूलों को सूचित कर दिया गया है और हिदायत दी गई है कि स्कूल इस तरह की लापरवाही न बरतें। ऐसा करने पर स्कूल प्राचार्य जुर्माने के जिम्मेदार होंगे।

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