गुरुग्राम में बनेगा देश का पहला वेद विश्वविद्यालय, इन सुविधाओं से होगा लैस

गुरुग्राम में देश का पहला विहिप वेद विश्वविद्यालय बनेगा। साइबर सिटी में विश्व हिंदू परिषद वेद विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 17 Sep 2019 06:40 PM (IST) Updated:Tue, 17 Sep 2019 09:22 PM (IST)
गुरुग्राम में बनेगा देश का पहला वेद विश्वविद्यालय, इन सुविधाओं से होगा लैस
गुरुग्राम में बनेगा देश का पहला वेद विश्वविद्यालय, इन सुविधाओं से होगा लैस

गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। साइबर सिटी में विश्व हिंदू परिषद वेद विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। विहिप वेद विश्वविद्यालय में देश विदेश के विद्यार्थी न केवल शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे, बल्कि वेदों पर शोध भी कर सकेंगे। एयरपोर्ट के नजदीक सिहरौल बॉर्डर के समीप इस विश्वविद्यालय को खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए भूमि पूजन भी हो चुका है। चूंकि विश्वविद्यालय के भवन निर्माण में समय लगेगा ऐसे में फिलहाल गुरुग्राम में इसे शुरु करवाने के लिए किराए के भवन को तलाशने की प्रक्रिया चल रही है।

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि आगामी सत्र से विश्वविद्यालय की शुरुआत कर दी जाएगी। इसमें आधुनिक वैदिक विज्ञान व प्रौद्योगिकी की पढ़ाई होगी।

अशोक सिंघल के नाम पर बनेगा वेद विश्वविद्यालय

विहिप वेद विश्वविद्यालय का नाम विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल के नाम पर रखा जाएगा। इसका नाम वेद विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय रखा जाएगा। डॉ. सुरेंद्र जैन ने बताया कि इस विश्वविद्यालय का नाम व स्थान तय कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद ने इस वेद विश्वविद्यालय को लेकर तैयारियां काफी समय से चल रही थी।

विज्ञान प्रौद्योगिकी और वैदिक विज्ञान के संसाधनों से लैस होगा विश्वविद्यालय

डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए ऐसा स्थान तलाशना था जहां कि राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए सुगमता हो व देश के केंद्र में हो। गुरुग्राम में वह भी सिहरौल बॉर्डर के नजदीक यह विश्वविद्यालय बनाने का बड़ा कारण यहां पर सभी संस्कृतियों का समावेश और एयरपोर्ट से नजदीकी है। इस विश्वविद्यालय को लेकर कई तरह की योजनाएं हैं जिसमें विद्यार्थियों को आधुनिक व वैदिक विधि से शिक्षा दी जाएगी।

इसके अलावा विवि में वैदिक टावर भी बनाया जाएगा, यहां ऑडियो-विजुअल स्टूडियो के साथ हर कक्षा में वेद और उससे जुड़ा साहित्य और पौराणिक ग्रंथ भी उपलब्ध होंगे। विश्वविद्यालय में सुरभि सदन यानि गौशाला, मंदिर और मेडिटेशन हॉल के अलावा यज्ञ शाला भी होगी। यहां पर पौराणिक शैली में पढ़ाई करवाने के लिए ओपन एयर कक्षाएं भी लगाए जाने की तैयारियां हैं। इस विश्वविद्यालय में शुरुआत में कृषि तंत्रम, वास्‍तु तंत्रम, पर्यावरण विज्ञान, लिपि विज्ञान और युद्धतंत्रम सहित कुल बीस विषयों में शिक्षा दी जाएगी।

देश का पहला वेद विश्वविद्यालय

देश में वेद विद्यालय तो हैं लेकिन वेद विश्वविद्यालय की कमी खलती है। देश भर में कुल तीस वेद विश्वविद्यालय हैं। ऐसे में अशोक सिंघल वेद विश्वविद्यालय लोगों को प्रौद्योगिकी के साथ-साथ अपनी सांस्कृतिक, पौराणिक और वैदिक जड़ों से जोड़ेगा। विद्यार्थी इस विश्वविद्यालय में वेदों के अध्ययन के साथ-साथ उनपर शोध कर सकेंगे।

विश्वविद्यालय के देश के केंद्र में स्थापित होने से ऋग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद व सामवेद की कठिन भाषा का सरलीकरण हो सकेगा और इसके व्यवहारिक ज्ञान की गहराई लोगों तक पहुंच सकेगी। इस वेद विश्वविद्यालय में स्नात्कोत्तर तक की पढ़ाई करवाई जाएगी।

आगामी सत्र से गूंजेगी वेदों की भाषा

इस विश्वविद्यालय को तत्काल शुरू करने के लिए किराए के भवन की तलाश की जा रही है। डॉ. सुरेंद्र जैन ने बताया कि जल्द ही स्थान का चयन कर विश्वविद्यालय की शैक्षणिक प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और आने वाले सत्र 2020-21 से इसमें दाखिले हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस विवि का उद्देश्य आधुनिक विज्ञान व वैदिक ज्ञान को एक साथ एक मंच पर लाकर भारत को फिर से विश्व गुरु बनाना है।

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