किडनी किंग के बेटे की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी जारी

सब इंस्पेक्टर भुवनचंद्र पुजारी कहते हैं कि डा. अमित राउत अपने बेटे डा. अक्षय राउत की मदद से किडनी निकालने से लेकर बेचने तक का कारोबार करता था। अक्षय की तलाश में न जाने कितनी बार छापेमारी की जा चुकी है लेकिन उसका कोई अता-पता ही नहीं चल रहा है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sat, 29 May 2021 05:54 PM (IST) Updated:Sat, 29 May 2021 05:54 PM (IST)
किडनी किंग के बेटे की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी जारी
डीएलएफ फेज-एक स्थित मकान में नहीं मिला आरोपित डा. अक्षय राउत

गुरुग्राम (आदित्य राज)। किडनी किंग के नाम से कुख्यात डा. अमित राउत के बेटे डा. अक्षय राउत की तलाश में उत्तराखंड की देहरादून पुलिस की दो सदस्यीय टीम सब इंस्पेक्टर भुवनचंद्र पुजारी के नेतृत्व में गुरुग्राम पहुंची। टीम ने डीएलएफ फेज-एक इलाके के मकान नंबर डी-5/29 में छापेमारी की लेकिन मौके पर गार्ड के अलावा कोई नहीं मिला। इसके बाद गेट पर इश्तेहार चस्पा टीम ने आसपास के इलाके में मुनादी भी कराई। इश्तेहार के माध्यम से चेतावनी दी गई है कि सरेंडर नहीं करने पर संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। उसके ऊपर 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित है।

वर्ष 2017 के दौरान देहरादून पुलिस ने किडनी किंग डा. अमित राउत एवं उसके भाई डा. जीवन राउत को गिरफ्तार किया था। उस समय वे देहरादून जेल में बंद हैं। मामले में किडनी किंग से जुड़े कुल 17 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। डा. अक्षय राउत वर्ष 2017 से ही फरार चल रहा है। वह जहां भी छिप सकता है, वहां पर लगातार छापेमारी चल रही है लेकिन वह पकड़ में नहीं आ रहा है। इसी दिशा में शुक्रवार को डीएलएफ फेज-एक स्थित उसके मकान में छापेमारी की गई। छापेमारी से पता चला कि मकान के ऊपर आरोपित ने दो करोड़ रुपये लोन ले रखा है। यही नहीं गुरुग्राम के सेक्टर-23, डीएलएफ फेज-पांच सहित कई इलाकों में करोड़ों रुपये की संपत्ति है।

सैकड़ों लोगों की निकाली थी किडनी

देहरादून पुलिस में सब इंस्पेक्टर भुवनचंद्र पुजारी का कहना है कि डा. अमित राउत पहले मुंबई में किडनी निकालने का काम करता था। इसके बाद दिल्ली-गुरुग्राम में काम शुरू किया था। पर्दाफाश होने के बाद देहरादून के नजदीक एक अस्पताल में किडनी निकालने का काम शुरू कर दिया था। देश के नामचीन लोगों से ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों के सैकड़ों लोगों से किडनी बेची। 70 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक में किडनी बेचता था। वर्ष 2017 में मामले का पर्दाफाश होने के बाद वह फरार हो गया था। कुछ ही समय बाद उसे हरियाणा के पंचकूला इलाके से गिरफ्तार किया गया था। पूरे देश में उसके पास अरबों की संपत्ति है।

बेटे की मदद से करता था धंधा

सब इंस्पेक्टर भुवनचंद्र पुजारी कहते हैं कि डा. अमित राउत अपने बेटे डा. अक्षय राउत की मदद से किडनी निकालने से लेकर बेचने तक का कारोबार करता था। अक्षय की तलाश में न जाने कितनी बार छापेमारी की जा चुकी है लेकिन उसका कोई अता-पता ही नहीं चल रहा है। उसके ऊपर गैंगस्टर एक्ट भी लगा हुआ है। बता दें कि गुरुग्राम में भी वर्ष 2008 के दौरान किडनी कांड सामने आया था।

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