India's First Air Taxi: जानिए कैसे हरियाणा के वरुण ने आम आदमी का सपना किया साकार
कैप्टन वरुण सुहाग ने अपनी आंखों से आम आदमी का सपना देखा है। फ्लोरिडा में ट्रेनिंग के दौरान ही उनके मन में अपने देश के आम आदमी की तस्वीर बन गई थी। उन्होंने सोचा कि आम आदमी तो विमान में कभी उड़ान भर ही नहीं सकता।
गुरुग्राम [आदित्य राज]। यदि बुलंद इरादों के साथ सही दिशा में प्रयास किया जाए तो सफलता तय है। इस बात को प्रमाणित कर दिया है देश में एयर टैक्सी की सुविधा उपलब्ध कराने वाले कैप्टन वरुण सुहाग ने। दस साल पहले उन्होंने एयर टैक्सी की सेवा शुरू करने का सपना देखा था। इसके लिए दिन-रात शोध किया। काफी जानकारों से बातचीत की। विमान बनाने वाली कई कंपनियों के लोगों से चर्चा की। कुछ लोगों ने कहा कि सेवा शुरू करना आसान है लेकिन इसे बरकरार रखना काफी मुश्किल। इसके बाद भी उनका जोश व जुनून कम नहीं हुआ। नतीजा शुक्रवार से चंडीगढ़ से हिसार के बीच एयर टैक्सी की सेवा शुरू हो गई।
18 जनवरी को हिसार से देहरादून के लिए एवं 23 जनवरी को हिसार से धर्मशाला के लिए सेवा शुरू की जाएगी। वरुण जल्द से जल्द यह सेवा पूरे देश में उपलब्ध कराना चाहते हैं। इस दिशा में वह प्रयासरत हैं।
फ्लोरिडा में देखा था एयर टैक्सी का सपना
मूल रूप से झज्जर जिले के गांव बिसाहन निवासी वरुण सुहाग गुरुग्राम के सेक्टर-45 में रहते हैं। वैसे सुहाग का जन्म फिरोजपुर स्थित सेना के अस्पताल में 23 जनवरी 1984 को हुआ था। दिल्ली के वसंत वैली स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। फिर अमेरिका के फ्लोरिडा में पायलट बनने की ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग के दौरान फ्लोरिडा में वह किसी काम के लिए एयर टैक्सी से जाते थे। उसी दौरान उन्होंने एयर टैक्सी का सपना देखा था। उन्होंने वर्ष 2007 से लेकर वर्ष 2010 तक किंगफिशर में पायलट की नौकरी भी की। नौकरी करने के बाद एयर टैक्सी पर काफी सोच-विचार किया।
किंगफिशर की नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने लगभग दस साल तक अपने देश में एयर टैक्सी की सेवा शुरू करने के बारे में शोध किया। इसके लिए जिन देशों में एयर टैक्सी की सुविधा है या जो कंपनियां एयर टैक्सी बनाती हैं, उनके बारे में जानकारी हासिल की। जब वह पूरी तरह आश्वस्त हो गए कि अब सेवा शुरू की जा सकती है फिर इटली की कंपनी से दो एयर टैक्सी खरीदी। जल्द ही दो और एयर टैक्सी खरीदेंगे। इसके लिए बातचीत हो चुकी है।
अपनी आंखों से देखा आम आदमी का सपना
कैप्टन वरुण सुहाग ने अपनी आंखों से आम आदमी का सपना देखा है। फ्लोरिडा में ट्रेनिंग के दौरान ही उनके मन में अपने देश के आम आदमी की तस्वीर बन गई थी। उन्होंने सोचा कि आम आदमी तो विमान में कभी उड़ान भर ही नहीं सकता। यदि अधिक सीट वाली टैक्सी खरीदेंगे तो सवारी कम मिलने पर सेवा को बरकरार रखना मुश्किल होगा। इसी सोच को ध्यान में रखकर उन्होंने चार सीटर एयर टैक्सी खरीदने का निर्णय लिया। इसके लिए पहले एविएशन कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी बनाई।
पिता को पुत्र वरुण पर गर्व
जो लोग छोटे-छोटे काम के लिए भी अपने स्वजन की तरफ देखते हैं, उनके लिए कैप्टन वरुण सुहाग सबसे बड़े प्रेरणास्नोत हैं। वरुण ने एयर टैक्सी शुरू करने के लिए अपने पिता से एक पैसे की मदद नहीं ली। पिता कर्नल (रिटा.) रामपाल सुहाग कहते हैं कि वरुण ने पहले सोचा, फिर कमाया और बाद में कंपनी बनाई। उन्हें गर्व है कि यह सब एक पैसे की मदद लिए बिना ही किया।
पूरे देश में सेवा शुरू करने का है सपना
कैप्टन वरुण सुहाग कहते हैं कि उनका सपना पूरे देश में एयर टैक्सी की सेवा उपलब्ध कराने का है। इस सेवा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि केवल 10-15 मिनट पहले एयरपोर्ट पर पहुंच सकते हैं। सरकार की उड़ान स्कीम के तहत होने की वजह से यह सेवा काफी सस्ती है। वह देश के आम लोगों को फ्लाइट की सुविधा को महसूस कराना चाहते हैं। उनका कहना है कि कई बार इरादे बुलंद होते हैं लेकिन दिशा सही नहीं होती है। इससे सफलता हासिल नहीं होती। ट्रेनिंग के दौरान ही उनके मन में बैठ गया था कि अपना काम करना है। काम भी ऐसा करना है जो विशेष हो।
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