जानें- पैरोल से कितना अलग है कस्टडी पैरोल, जिसकी वजह से दिनभर जेल से बाहर रहे Dera Chief Ram Rahim

Dera Chief Ram Rahim गुरमीत राम रहीम को एक दिन के लिए मिली यह सामान्य पैरोल नहीं थी बल्कि इसे कस्टडी पैरोल कहा जाता है। गुरमीत एक दिन की कस्टडी पैरोल पर गुरुग्राम के नामी अस्पताल में भर्ती अपनी 90 वर्षीय मां से मिलने आया।

By JP YadavEdited By: Publish:Sat, 07 Nov 2020 11:31 PM (IST) Updated:Sun, 08 Nov 2020 10:58 AM (IST)
जानें- पैरोल से कितना अलग है कस्टडी पैरोल, जिसकी वजह से दिनभर जेल से बाहर रहे Dera Chief Ram Rahim
डेरा प्रमुख राम रहीम की फाइल फोटो।

नई दिल्ली/गुरुग्राम। Dera Chief Ram Rahim: 2 युवतियों से दुष्कर्म के मामले में सजायाफ्ता डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने आखिर किस नियम के तहत जेल से निकलकर गुरुग्राम के अस्पताल में अपनी बीमार मां नसीब कौर से मुलाकात की, इस सस्पेंस से हम पर्दा उठाते हैं। शुरुआत में यह जानकारी सामने आई कि रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को 24 घंटे के लिए सीक्रेट पैरोल पर जेल से बाहर निकला गया, लेकिन ऐसा नहीं है। यहां पर बता देना जरूरी है कि गुरमीत राम रहीम की मिली यह सामान्य पैरोल नहीं थी, बल्कि इसे कस्टडी पैरोल कहा जाता है। 

कौन देता है कस्टडी पैरोल

नियम के मुताबिक, पैरोल जिला कलेक्टर (District Collector) देता है, जिसे पाने के लिए कैदी को आवेदन करना पड़ता है। इसके बाद यह डीसी पर निर्भर है कि वह पैरोल दे या नहीं। वहीं, कस्टडी पैरोल देने का अधिकार जेल सुप्रीन्टेडेंट के पास होता है। जेल सुप्रीन्टेंडे के पास अनुरोध आने पर कैदी के आवेदन पर विचार करता है फिर अपने विवेक से पैरोल देता है या फिर अनुरोध भी अस्वीकार कर सकता है। कस्टडी पैरोल कुछ घंटों या अधिक से अधिक एक दिन की होती है और इस दौरान कड़े नियम लागू होते हैं। कस्टडी पैरोल कैदी के करीबी के निधन पर या फिर किसी रिश्तेदार के बीमार होने की सूरत में ही मिलता है। कस्टडी पैरोल मिलने की स्थिति में कैदी को पुलिस की कड़ी सुरक्षा में ले जाया जाता है, फिर उसे तय समय के भीतर वापस जेल के भीतर लाया जाता है। 2 युवतियों से दुष्कर्म मामले में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम के साथ 24 अक्टूबर को ऐसा ही हुआ। गुरमीत एक दिन की कस्टडी पैरोल पर गुरुग्राम के नामी अस्पताल में भर्ती अपनी 90 वर्षीय मां से मिलने आया। वह सुबह से शाम तक अपनी मां के साथ रहा और फिर शाम को पुलिस सुरक्षा में वापस रोहतक की सुनारिया जेल चला गया।

सिर्फ 4 लोगों को थी इस कस्टडी पैरोल के बारे में जानकारी

बेशक गुरमीत राम रहीम की कस्टडी पैरोल को गुप्त रखा गया था। 24 घंटे सक्रिय रहने वाले मीडिया को इसकी भनक तक नहीं लगी। दरअसल, डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम 24 घंटे के कस्टडी पैरोल पर रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर निकाला गया। इसके लिए बाकायदा लिखित में अनुमति मांगी गई थी। राम रहीम को मिला ये पैरोल इस कदर गोपनीय था कि समूचे हरियाणा में सिर्फ 4 लोगों को इसकी जानकारी थी। इनमें सीएम मनोहर लाल के अलावा एक मंत्री और 2 अधिकारी थे। गुरमीत राम रहीम को ये पैरोल 24 अक्टूबर को मिली थी। इसके वह दिनभर अपनी बीमार मां के साथ रहा।

मिली जानकारी के मुताबिक, रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा दुष्कर्म का दोषी राम रहीम हरियाणा पुलिस की तीन कंपनियों की सुरक्षा में गोपनीय तरीके से जेल से बाहर गुरुग्राम लाया गया था। यहां उसने अस्पताल में भर्ती अपनी मां से मुलाकात की थी।

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