कारगिल विजय दिवस पर विशेष : पाकिस्तान व चीन से एक साथ मुकाबला करने में देश समक्ष
एयर वाइस मार्शल (रिटा.) एके सिंह ने कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि कारगिल के इलाके में घुसपैठ इसलिए हो गई थी क्योंकि उस समय भारतीय सेना सर्दी में पहाड़ी से नीचे आ जाती थी। गर्मी में ऊपर चली जाती थी।
गुरुग्राम (आदित्य राज)। कारगिल युद्ध के बाद से भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ चुकी है। युद्ध के बाद तत्कालीन केंद्र सरकार ने एक कमेटी गठित की थी। उस कमेटी ने सेना की मजबूती को लेकर 75 बिंदुओं पर काम करने की सिफारिश की थी। उनमें से 62 बिंदुओं पर काम पूरा हो चुका है। इससे सेना की ताकत इतनी बढ़ चुकी है कि एक साथ पाकिस्तान एवं चीन के साथ मुकाबला किया जा सकता है। देश की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हो चुकी हैं। कारगिल के इलाके जैसी घुसपैठ अब देश के भीतर संभव नहीं।
दुश्मन को मिला मुंह तोड़ जवाब
एयर वाइस मार्शल (रिटा.) एके सिंह ने कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि कारगिल के इलाके में घुसपैठ इसलिए हो गई थी क्योंकि उस समय भारतीय सेना सर्दी में पहाड़ी से नीचे आ जाती थी। गर्मी में ऊपर चली जाती थी। इसका फायदा उठाते हुए घुसपैठिए सीमा में प्रवेश कर गए थे। उसका ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया गया, जिसकी कल्पना दुश्मन ने सपने में भी नहीं की होगी। अपनी सेना नीचे थी और दुश्मन ऊपर। इसके बाद भी उसे खदेड़ दिया गया। 26 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में विजय हासिल हुई थी।
कारगिल युद्ध ने नई दिशा दी
कारगिल युद्ध ने देश को कई विषयों पर सोचने के लिए मजबूर किया। खासकर सीमाओं की मजबूती को लेकर। एयरफोर्स को मजबूत करने के ऊपर काफी काम किया गया। आज देश इतना मजबूत हो चुका है कि पाकिस्तान एवं चीन दोनों साथ मिलकर भी नहीं दबा सकते। भारत के सामने तो पाकिस्तान काफी बौना हो चुका है। उसकी अकेले कभी हिम्मत ही नहीं होगी। चीन के साथ मिलकर ही कभी मुकाबला करने के बारे में सोच सकता है।
हथियारों से नहीं लड़ी जाती है जंग
लड़ाई केवल हथियारों से नहीं लड़ी जाती बल्कि अपने राष्ट्र के लिए सबकुछ न्योच्छावर करने का भाव सैनिकों के भीतर होना चाहिए। यह भाव भारतीय सेना में कूट-कूट कर भरा है। पाकिस्तान इस मामले में बहुत ही पीछे है। चीन के मुकाबले भारतीय सेना इसलिए बेहतर है क्योंकि कई लड़ाई लड़ने का अनुभव है। हर माहौल में लड़ने का अनुभव है। थोड़ी बहुत कमी जो थी वह राफेल के आने से पूरी हो गई। पहले अपनी सेना के पास काफी ऊंचाई पर मार करने वाले एयरक्राफ्ट की कमी थी, अब नहीं रही।
शहीदों को दी जाएगी श्रद्धांजलि
शहीद कल्याण फाउंडेशन की ओर से सोमवार को कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। फाउंडेशन के संयोजक डा. टीसी राव ने बताया कि पालम विहार इलाके में रेजांगला शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के लिए काफी संख्या में पूर्व सैनिक अधिकारी पहुंचेंगे।