Oxygen Shortage के बीच जारी किया आदेश, 50 बेड से अधिक वाले अस्पतालों को लगाना होगा ऑक्सीजन प्लांट

जिले में 50 बेड से अधिक क्षमता वाले अस्पतालों को लिक्विड आक्सीजन प्लांट या पीएसए की व्यवस्था करनी होगी। इस बारे में निर्णय शुक्रवार को जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग की अध्यक्षता में आनलाइन आयोजित जिला परामर्श समिति की बैठक में लिया गया।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 04:57 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 04:57 PM (IST)
Oxygen Shortage के बीच जारी किया आदेश, 50 बेड से अधिक वाले अस्पतालों को लगाना होगा ऑक्सीजन प्लांट
जिला परामर्श समिति की बैठक में शुक्रवार को लिया गया निर्णय

गुरुग्राम (आदित्य राज)। जिले में 50 बेड से अधिक क्षमता वाले अस्पतालों को लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट या पीएसए की व्यवस्था करनी होगी। इस बारे में निर्णय शुक्रवार को जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग की अध्यक्षता में आनलाइन आयोजित जिला परामर्श समिति की बैठक में लिया गया। निर्णय के अनुसार सभी अस्पतालों को निर्देश भी जारी कर दिए गए।

पिछले कुछ दिनों से कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। प्रतिदिन हजारों मरीज सामने आ रहे हैं। उनके लिए न ही बेड की व्यवस्था हो पा रही है और न ही ऑक्सीजन की। हालांकि, ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए प्रशासन प्रयास कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी किल्लत दूर नहीं हो रही है।

स्थिति यह है कि ऑक्सीजन की कमी से मरीज मर रहे हैं। इसे देखते हुए जिले के 50 बेड से अधिक क्षमता वाले अस्पतालों को निर्देश दे दिए गए हैं कि वे अपनी ऑक्सीजन की जरूरत का प्रबंध स्वयं करें। इसके लिए चाहे वे लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाएं या पीएसए की व्यवस्था करें। बैठक में जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग ने कहा कि बड़े अस्पतालों को पत्र भी भेजा गया है। फिलहाल जिले में छह ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना बनाई गई है।

इनके अलावा जिला प्रशासन सीएसआर के तहत भी ऑक्सीजन प्लांट लगवाने के लिए प्रयासरत है। जब तक ये प्लांट चालू होंगे तब तक ऑक्सीजन की आपूर्ति की मात्रा बढ़ाने के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटरों का प्रबंध किया जा रहा है। अगले सात से आठ दिन में 250 से 300 कंसंट्रेटर की व्यवस्था कर ली जाएगी। छोटे अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई की दिशा में पिछले दो-तीन दिन में काफी बदलाव किए गए हैं। कुछ अस्पताल तो ऐसे हैं जो कोविड के इलाज के लिए जिला प्रशासन से पंजीकृत ही नहीं हैं।

ऐसे अस्पतालों की ऑक्सीजन की आवश्यकता का अनुमान लगाना मुश्किल होता है। जो अस्पताल जिला प्रशासन से पंजीकृत हैं उनमें भर्ती कोविड मरीजों को ऑक्सीजन की कमी नहीं आने दी जाएगी। सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव ने बताया कि जिले के नागरिक अस्पताल में पीएसए आधारित 1000 एलपीएम क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा। इसके अलावा उपमंडल अस्पताल सोहना एवं पटौदी में भी पीएसए आधारित 200-200 एलपीएम क्षमता के प्लांट लगाए जाएंगे। इनमें से सोहना में तो काम शुरू भी हो चुका है। तीनों ऑक्सीजन प्लांटों इस महीने के आखिर तक चालू होने की उम्मीद है।

30 जगहों पर वितरित किए जाएंगे सिलेंडर

होम आइसोलेशन में रह रहे ऐसे मरीज जिन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता है, उनके लिए भी योजना तैयार की गई है। वर्तमान में केवल स्टार गैस पर ही व्यक्तिगत ऑक्सीजन सिलेंडर दिए जा रहे हैं जिससे लोगों को दिक्कत आ रही है। इसके लिए जल्द ही पोर्टल बनाया जाएगा, जहां पर ऐसे मरीज या उनके अटेंडेंट रजिस्टर करवा पाएंगे। उसके बाद शहर में 25 - 30 डिसेंट्रलाइज्ड प्वाइंट बनाकर लोगों को ऑक्सीजन के सिलेंडर वितरित किए जाएंगे। इस कार्य में सिविल डिफेंस, एनजीओ और सामाजिक कार्यकर्ताओं का सहयोग लिया जाएगा।

सिविल सर्जन द्वारा वितरित किए जाएंगे इंजेक्शन

बैठक के मुताबिक इंजेक्शन रेमडेसिविर तथा टासिलिजूमैब की आपूर्ति को लेकर प्रदेश सरकार हर जिले के लिए कोटा जारी करेगी। रेमडेसिविर इंजेक्शन मरीजों की संख्या के हिसाब से सिविल सर्जन द्वारा अस्पतालों को वितरित किया जाएगा। इंजेक्शन टासिलिजूमैब के लिए सरकार ने पीजीआइएमएस रोहतक के वरिष्ठ चिकित्सक डा. ध्रुव चौधरी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति प्रेसक्रिप्शन देखने के बाद इंजेक्शन जारी करेगी जो पीजीआइएमएस रोहतक से ही आएगा। ये इंजेक्शन प्राइवेट स्टाकिस्ट के पास नहीं मिलेंगे। बैठक में गुड़गांव के विधायक सुधीर सिंगला, पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता, स्थानीय सांसद व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के प्रतिनिधि के तौर पर उनके निजी सचिव नरेश शर्मा, जिला परिषद के निवर्तमान चेयरमैन कल्याण सिंह चौहान, अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पवार, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव व मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ललिता पटवर्धन, सीटीएम सिद्धार्थ दहिया एवं जिला सूचना विज्ञान अधिकारी लक्ष्मी नारायण गोयल आदि भी शामिल हुए।

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