गुरुग्राम : पुलिस रिश्वत कांड की पड़ताल कराएंगे गृह मंत्री अनिल विज

मेदांता अस्पताल में रूटीन जांच कराने के लिए बृहस्पतिवार को गुरुग्राम पहुंचे गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि गुरुग्राम में पुलिसकर्मियों द्वारा दिल्ली के एक काॅल सेंटर संचालक रिश्वत लेने की बात सामने आई है। विभागीय रूप से मामले की जांच भी चल रही है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 04 Feb 2021 06:17 PM (IST) Updated:Thu, 04 Feb 2021 06:41 PM (IST)
गुरुग्राम : पुलिस रिश्वत कांड की पड़ताल कराएंगे गृह मंत्री अनिल विज
मंत्री ने कहा- लंबे समय तक कोई एक ही जिले में न रहे इसके लिए पालिसी बनाएंगे

गुरुग्राम (आदित्य राज)। प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज (Anil Vij) पुलिस रिश्वत कांड की अपने स्तर पर पड़ताल कराएंगे। अस्वस्थ होने की वजह से वह इस मामले के ऊपर ध्यान नहीं दे सके थे। अब जल्द ही मामले की बारीकी से पड़ताल कराएंगे ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके। उनका कहना है कि भ्रष्टाचार से वह किसी भी कीमत पर समझौता नहीं कर सकते। किसी भी हाल में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की दिशा में ही वह यह पालिसी बनाना चाहते हैं कि कोई भी लंबे समय तक एक ही जिले में रहे या घूम-फिरकर एक ही जिले में न आ सके।

मेदांता अस्पताल में रूटीन जांच कराने के लिए बृहस्पतिवार को गुरुग्राम पहुंचे गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि गुरुग्राम में पुलिसकर्मियों द्वारा दिल्ली के एक काॅल सेंटर संचालक रिश्वत लेने की बात सामने आई है। विभागीय रूप से मामले की जांच भी चल रही है। इस मामले से पुलिस की छवि प्रभावित हुई है। इस तरह का मामला आगे सामने न आए, इसके लिए कई स्तर पर प्रयास किए जाएंगे। यह देखने में आया है कि कुछ कर्मचारी व अधिकारी वर्षों से एक ही जिले में जमे हुए हैं।

यही नहीं वे कुछ समय तक ही किसी दूसरे जिले में रहते हैं। कुल मिलाकर अधिकतर नौकरी एक ही जिले में करते हैं। इस पर लगाम लगाने की आवश्यकता है। जल्द ही इस बारे में पालिसी बनाई जाएगी। जहां तक भ्रष्टाचार पर पूरी तरह लगाम लगाने का प्रश्न है तो लोगों से अपील है कि वे किसी कर्मचारी या अधिकारी के दबाव में न आएं बल्कि शिकायत करें। शिकायत न होने से ही गलत करने वालों का मनोबल बढ़ता है।

किसान मंच नहीं बल्कि विपक्षी मंच है

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के ऊपर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अनिल विज ने कहा कि जहां पर प्रदर्शन चल रहे हैं वे किसान मंच नहीं बल्कि विपक्षी मंच हैं। विपक्षी पार्टियां अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का प्रयास कर रही हैं। लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। कृषि कानूनों में कुछ भी कमी नहीं। यदि किसी को लगता है कि कमी है तो उसके लिए केंद्र सरकार बातचीत करने को तैयार है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं बातचीत करने पर जोर दिया है। बातचीत से किसी भी समस्या का समाधान संभव है। केंद्र सरकार लगातार इस दिशा में प्रयास कर रही है। कई दौर की बैठक की गई। जहां तक विपक्षी पार्टियों का सवाल है तो देश की जनता सब देख रही है। जनता को समझ में आ चुका है। देश की जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों पर भरोसा है। कृषि कानूनों से देश का विकास और तेजी से हो सकेगा।

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