फोर्टिस अस्पताल में दुष्कर्म मामले में आया नया मोड़, राज्य महिला आयोग ने की न्यायिक जांच की मांग
गुरुग्राम के फेमस फोर्टिस अस्पताल में इलाज के दौरान युवती से दुष्कर्म मामले में एक नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने जहां यह बताया है कि अस्पताल में युवती से दुष्कर्म नहीं हुआ है। वहीं इस मामले में हरियाणा महिला आयोग के तेवर सख्त हैं।
गुरुग्राम [सत्येंद्र सिंह]। गुरुग्राम के फेमस फोर्टिस अस्पताल में इलाज के दौरान युवती से दुष्कर्म मामले में एक नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने जहां यह बताया है कि अस्पताल में युवती से दुष्कर्म नहीं हुआ है। वहीं, इस मामले में हरियाणा महिला आयोग के तेवर सख्त हैं। महिला आयोग ने इस मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट से खुद देखने का आग्रह किया है।
अस्पताल में जाकर पीड़िता का बयान लेने का आग्रह
हरियाणा राज्य महिला आयोग की कार्यवाहक अध्यक्ष प्रीति भारद्वाज ने न्यायिक मजिस्ट्रेट से आग्रह किया है कि वह अस्पताल में जाकर पीड़िता के बयान लें। उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि पुलिस ने प्राथमिक जांच में पीड़िता के साथ दुष्कर्म जैसी घटना नहीं होने की पुष्टि की है। पीड़िता व उसके परिवार को पूरी तरह से संतुष्ट करने के लिए महिला आयोग पूरी तत्परता से जुटा है।
क्या है मामला
गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती युवती के साथ दुष्कर्म किया गया। इस मामले का खुलासा बाद में हुआ। 21 अक्टूबर को एक युवती (21) को सांस लेने में तकलीफ होने पर अस्पताल के आइसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया था। मंगलवार को जब युवती के पिता उससे मिलने अस्पताल गए तो युवती ने लिखकर अपने पिता को दुष्कर्म किए जाने की बात बताई थी। इसके बाद शहर के इतने बड़े अस्पताल में ऐसी घटना से शहरवासी गुस्से में आ गए। सभी ट्वीट कर इस बात पर नाराजगी जाहिर करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे।
क्या है नया मोड़
इधर दुष्कर्म के मामले में पुलिस गहनता से जांच कर इस मोड़ पर पहुंची कि पीड़िता के साथ अस्पताल में दुष्कर्म हुआ ही नहीं है। इस मामले में नोडल अधिकारी एसीपी उषा कुंडू को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। इस मामले में पिता ने सुशांत लोक थाने में एफआइआर दर्ज करायी थी।
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