Cyber Fraud: साइबर ठगों ने मंडलायुक्‍त के खाते से पांच बार निकाले पैसे, जांच में जुटी पुलिस

Cyber Fraud साइबर ठगों ने गुरुग्राम मंडल के आयुक्त राजीव रंजन को निशाना बनाया। उनके क्रेडिट कार्ड के माध्यम से तीन से चार मिनट के दौरान पांच बार पैसे निकाले गए। शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 03:52 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 03:52 PM (IST)
Cyber Fraud: साइबर ठगों ने  मंडलायुक्‍त के खाते से पांच बार निकाले पैसे, जांच में जुटी पुलिस
Cyber Fraud: साइबर ठगों ने गुरुग्राम मंडल के आयुक्त से की ठगी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

गुरुग्राम [आदित्य राज]। जालसाजों के लिए आम व खास दोनों बराबर हैं। मौका मिलते ही वे किसी के खाते में सेंध लगा देते हैं। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है गुरुग्राम मंडल के आयुक्त राजीव रंजन को निशाना बनाना। उनके क्रेडिट कार्ड के माध्यम से तीन से चार मिनट के दौरान पांच बार पैसे निकाले गए। अगले दिन भी प्रयास किया गया लेकिन तब तक कार्ड को ब्लाक करा दिया गया था। शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

शिकायत के मुताबिक 23 सितंबर की रात मंडल आयुक्त राजीव रंजन के मोबाइल पर पैसे निकाले जाने के मैसेज आए। पैसे उनके कोटेक महिंद्रा बैंक के क्रेडिट कार्ड से निकाले गए। सबसे पहले तीन हजार रुपये की ट्रांजेक्शन, फिर 1500 रुपये निकाले गए। इसके बाद तीन बार 89-89 रुपये की ट्रांजेक्शन की गई। छानबीन से पता चला कि ट्रांजेक्शन apple.com/bill से की गई। उन्होंने तत्काल बैंक से संपर्क करके कार्ड को ब्लाक करा दिया। जालसाज ने अगले दिन दोपहर के दौरान भी पैसे निकालने का प्रयास किया लेकिन कार्ड ब्लाक होने की वजह से ट्रांजेक्शन फेल हो गई।

पुलिस अधिकारियों से भी हुई ठगी

जालसाज पुलिस अधिकारियों से लेकर कानून के जानकार अधिवक्ताओं को भी निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं। दो महीने पहले सहायक पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक, मुख्यालय) संजीव बल्हारा एवं पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक) रविंद्र सिंह तोमर की फेसबुक आइडी हैक करके उनके जानकारों से पैसे की मांग की गई थी। संयोग से लोगों ने पैसे देने से पहले अधिकारियों से संपर्क कर लिया। इस वजह से वे ठगी के शिकार नहीं हुए। लेबर ला एडवाइजर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आरएल शर्मा एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता डा. मुकेश शर्मा की फेसबुक आइडी हैक करके भी पैसे मांगे जाने की शिकायत सामने आ चुकी है।

प्रतिदिन आ रहीं 20 से अधिक शिकायतें

प्रतिदिन औसतन 20 से अधिक शिकायतें सामने आ रही हैं। जालसाज तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। इससे पढ़े-लिखे लोग भी जाल में फंस रहे हैं। वे मोबाइल पर लिंक डालकर छोड़ देते हैं। लोग जैसे ही लिंक क्लिक करते हैं वैसे ही उनके खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं। इसी तरह बैंक अधिकारी बनकर या कस्टमर केयर सेंटर के कर्मचारी बनकर जालसाज फोन करते हैं। जिनको निशाना बनाना होता है उनक बारे में फेसबुक या फिर कहीं न कहीं से कुछ जानकारी हासिल कर लेते हैं।

बातचीत के दौरान वे जानकारी सामने रखते हैं। इससे सामने वाले को लगता है कि फोन करने वाला सही आदमी है। फिर लोन दिलाने के नाम पर, इंश्योरेंस की राशि दिलाने का झांसा देते हैं। जो लोग आकर्षित हो जाते हैं उनके खाते के बारे में जानकारी हासिल करने के बाद ओटीपी नंबर भेजा जाता है। ओटीपी नंबर बताते ही खाते से पैसे निकाल लेते हैं।

जागरूकता से ही लगेगी लगाम

साइबर क्राइम थाने में इंस्पेक्टर सुमेर सिंह कहते हैं कि जागरूकता से ही जालसाजों के ऊपर लगाम लगेगी। यदि कोई लिंक भेजता है तो उसे क्लिक न करें। यदि कोई ओटीपी नंबर भेजकर उसके बारे में पूछता है तो न बताएं। पैसों का लेन-देन करने से पहले पूरी तरह छानबीन कर लें। यदि कोई फेसबुक के माध्यम से बीमारी का बहाना बनाकर पैसे की मांग करता है तो छानबीन करें। एटीएम कार्ड न ही किसी को दें और न ही पिन नंबर बताएं।

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