कुंडली बार्डर पर हुई हत्या के मामले में सख्ती के मूड में हरियाणा सरकार, सीएम मनोहर लाल ने दी ये चेतावनी
Kundli border murder case कुंडली बार्डर पर हाथ-पैर काटकर लखबीर सिंह नामक युवक की नृशंस हत्या मामले में प्रदेश सरकार सख्त मूड में है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जो भी दोषी होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा। ऐसी कार्रवाई की जाएगी कि लोग अपराध करने से डरें।
गुरुग्राम/ सोनीपत, जागरण संवाददाता। कुंडली बार्डर पर हाथ-पैर काटकर लखबीर सिंह नामक युवक की नृशंस हत्या मामले में प्रदेश सरकार सख्त मूड में है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को गुरुग्राम में आयोजित ग्रीवेंस कमेटी की अध्यक्षता करने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि घटना बहुत दुखद व निंदनीय है। मामले में एफआइआर हो गई है। उस पर पुलिस जांच कर रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में एक व्यक्ति ने आत्मसमर्पण किया है, उसने अपने ऊपर जिम्मेदारी ली है कि उसी ने हत्या की। हत्या उसने की है या किसी और ने, यह जांच में ही पता लगेगा। जो भी दोषी होगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। ऐसी कार्रवाई की जाएगी कि लोग अपराध करने से डरें।
ऐलनाबाद उपचुनाव के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष कुछ भी बयानबाजी करे, हम मुद्दों की बात करते हैं। हरियाणा में हमने पिछले सात वर्षो में काफी काम किए हैं। ईज आफ लिविंग के नाते हमने लोगों की जीवनशैली को काफी आसान किया है। गरीब लोगों के लिए नई नई योजनाएं बनाई गई हैं। टेक्नोलाजी के माध्यम से हर चीज उनको कैसे उपलब्ध हो, योजनाओं का लाभ उनको बेहतर तरीके से मिले, इस पर काम हुआ है।
इससे पहले डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कुंडली बार्डर पर धरना स्थल के पास युवक की नृशंस हत्या को बर्बरता पूर्ण बताया था और कहा था कि इसकी जितनी निंदा की जाए उतनी ही कम है। उन्होंने यह भी कहा था कि जो लोग धरना स्थल पर बैठे हैं उन किसान नेताओं को भी इस घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
बीस से ज्यादा लोगों को आरोपित बनाने की तैयारी
बता दें कि पंजाब के तरनतारन जिले के चीमा खुर्द के रहने वाले लखबीर सिंह की नृशंस हत्या में करीब दो दर्जन लोगों को आरोपित बनाए जाने की तैयारी है। पुलिस घटना में शामिल निहंगों के साथ ही मौके पर मौजूद अन्य लोगों को गिरफ्तार करेगी। वह हत्या करने वालों को बढ़ावा दे रहे थे। पुलिस ने वीडियो के आधार पर आरोपितों की पहचान शुरू कर दी है। पुलिस इस पूरे मामले को माब लिंचिंग के रूप में देख रही है। वही आरोपितों पर एससी-एसटी एक्ट लगा दिया गया है। उसके बाद डीएसपी कानून-व्यवस्था को इसका जांच अधिकारी बनाया गया है।
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