Gurugram Prince Murder Case: पंचकूला की विशेष अदालत मेें सीबीआइ आज पेश करेगी गवाहों एवं दस्तावेजों की सूची

सोहना रोड स्थित एक नामी विद्यालय के बाथरूम में 8 सितंबर 2017 को छात्र प्रिंस की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के कुछ ही देर बाद गुरुग्राम पुलिस ने स्कूल के बस सहायक को आरोपित मानते हुए गिरफ्तार कर लिया था।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 11:00 AM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 11:00 AM (IST)
Gurugram Prince Murder Case: पंचकूला की विशेष अदालत मेें सीबीआइ आज पेश करेगी गवाहों एवं दस्तावेजों की सूची
विशेष सीबीआइ अदालत तय करेगी कि अधिकारियों के ऊपर मुकदमा चलेगा या नहीं।

गुरुग्राम [आदित्य राज]। Gurugram Prince Murder Case: पंचकूला की विशेष सीबीआइ अदालत में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो बुधवार को गवाहों व दस्तावेजों की सूची पेश करेगी। गुरुग्राम के प्रिंस हत्याकांड के मामले में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में चार पुलिस अधिकारियों तत्कालीन सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) बिरम सिंह, भोंडसी थाने के तत्कालीन प्रभारी नरेंद्र खटाना, सब-इंस्पेक्टर शमशेर सिंह एवं ईएएसआइ सुभाषचंद के खिलाफ सीबीआइ चालान पेश कर चुकी है। 15 जनवरी को चारों के भविष्य का फैसला होगा। चालान पर विशेष सीबीआइ अदालत संज्ञान लेगी। बुधवार को सुनवाई के दौरान पंचकूला की विशेष सीबीआइ अदालत तय करेगी कि अधिकारियों के ऊपर मुकदमा चलेगा या नहीं।

वहीं, पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता सुशील टेकरीवाल का कहना है कि चारों पुलिस अधिकारी दोषी हैं। उनके खिलाफ मुकदमा निश्चित रूप से चलेगा। चारों ने मिलकर एक निर्दोष को फंसाने का प्रयास किया था। यदि सीबीआइ जांच नहीं होती तो निर्दोष को फांसी पर लटका दिया जाता। मामले में पुलिस अधिकारियों को ऐसी सजा होनी चाहिए कि पूरी दुनिया के सामने नजीर बन जाए।

बता दें कि सोहना रोड स्थित एक नामी विद्यालय के बाथरूम में 8 सितंबर, 2017 को छात्र प्रिंस (बाल सत्र न्यायालय द्वारा दिया गया नाम) की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के कुछ ही देर बाद गुरुग्राम पुलिस ने स्कूल के बस सहायक को आरोपित मानते हुए गिरफ्तार कर लिया था। जब जांच सीबीआइ को सौंपी गई तो पूरा मामला ही पलट गया था। सीबीआइ ने आरोपित के रूप में विद्यालय के ही एक छात्र भोलू (बाल सत्र न्यायालय द्वारा दिया गया नाम) की पहचान की थी। वह तभी से ही न्यायिक हिरासत में है। सीबीआइ की रिपोर्ट के आधार पर बस सहायक को अदालत ने आरोप मुक्त कर दिया था।

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