नमो देव्यै, महादेव्यै : मानवता की मिसाल बन रही हैं दिव्या
मालिबू टाउन निवासी दिव्या ने कोरोना महामारी की शुरुआत से ही लोगों की मदद करनी शुरु कर दी थी। जब लोग घरों में अपनी और अपनों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे थे उस वक्त दिव्या शहरवासियों की सहायता के लिए बाहर निकल रही थीं।
प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम
मालिबू टाउन निवासी दिव्या ने कोरोना महामारी की शुरुआत से ही लोगों की मदद करनी शुरु कर दी थी। जब लोग घरों में अपनी और अपनों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे थे, उस वक्त दिव्या शहरवासियों की सहायता के लिए बाहर निकल रही थीं। केवल जरूरतमंद इंसानों ही नहीं, दिव्या ने जानवरों की देखभाल की है। उन्होंने इस दौरान देखा कि रास्तों पर कुत्ते और अन्य जानवर भूखों मर रहे थे। ऐसे में उन्होंने उन बेजुबानों को भी भोजन मुहैया करवाया। एक बार फिर से वे उसी दौर को जी रही हैं जो ठीक साल भर पहले था।
मालिबू टाउन की चिकित्सकों की फाइट कोरोना कमेटी की सदस्य दिव्या की दिनचर्या का हिस्सा बन गया था कि वे प्रतिदिन कमजोर तबके के लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लें, उनकी समस्याएं दूर करें और उन्हें स्वास्थ्य और स्वच्छता का महत्व समझाएं। अपने पिछले वर्ष के प्रयासों के बारे में दिव्या बताती हैं कि वे इन दिनों फिर से उसी तरह काम करने में जुट गई हैं। लोग जरा राहत की सांस लेने लगे थे और कोरोना और भयानक रूप में आया तो लोगों को संभलने का वक्त भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में दिव्या लोगों को संबल दे रही हैं। लोगों के लिए अस्पतालों में बेड से लेकर प्लाज्मा उपलब्ध करवाने में दिन रात जुटी हुई हैं।
स्वयंसिद्धा, कैनविन फाउंडेशन, सुधा सोसाएटी और सुगम फाउंडेशन और अर्थ सेवियर फाउंडेशन जैसी तमाम संस्थाओं से जुड़ी दिव्या को नगर निगम ने स्वच्छ भारत की ब्रांड अंबेसडर भी नियुक्त किया था। दिव्या शहर में पर्यावरण के लिए काफी काम कर रही हैं। पर्यावरण और जल संरक्षण के साथ-साथ स्वास्थ्य को लेकर ये कई मुहिम चला रही हैं जिसके तहत कमजोर तबके के लोगों, खासतौर पर महिलाओं और बच्चों में स्वास्थ्य जागरूकता फैला रही हैं।