नियमित औद्योगिक क्षेत्र का दर्जा दे एमएसएमई को दी जाए गति

वैश्विक महामारी कोविड-19 के पूर्व से ही माइक्रो स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमई) की स्थिति चुनौतीपूर्ण रही है। कोरोना के दस्तक के बाद से तो हालात और भी खराब हो गए हैं। ऐसे में औद्योगिक कच्चे माल की महंगाई से यह क्षेत्र बुरी तरह से बैकफुट पर आ चुका है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 06:49 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 07:11 PM (IST)
नियमित औद्योगिक क्षेत्र का दर्जा दे एमएसएमई को दी जाए गति
नियमित औद्योगिक क्षेत्र का दर्जा दे एमएसएमई को दी जाए गति

यशलोक सिंह, गुरुग्राम

वैश्विक महामारी कोविड-19 के पूर्व से ही माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमई) की स्थिति चुनौतीपूर्ण रही है। कोरोना के दस्तक के बाद से तो हालात और भी खराब हो गए हैं। ऐसे में औद्योगिक कच्चे माल की महंगाई से यह क्षेत्र बुरी तरह से बैकफुट पर आ चुका है। ऐसी परिस्थिति में गुरुग्राम के विभिन्न औद्योगिक संगठनों द्वारा उन औद्योगिक क्षेत्रों को नियमित करने की मांग की जा रही है, जिन्हें प्रशासनिक स्तर पर अभी तक अनियमित औद्योगिक क्षेत्र की श्रेणी में रखा गया है।

उद्यमियों का कहना है कि यही सही समय है जब गुरुग्राम के अनियमित औद्योगिक क्षेत्रों को नियमित किया जाए। इनके नियमित होने से यहां स्थित बड़ी संख्या में एमएसएमई इकाइयों को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही यहां लंबे समय से रुके हुए विकास कार्यों को गति मिलेगी। औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि दौलताबाद, कादीपुर, बसई और पटौदी रोड औद्योगिक क्षेत्र ग्रामीण इलाके के आसपास हैं। यदि इनकी सेहत ठीक होगी तो यह ग्रामीण युवाओं के लिए अधिक से अधिक नौकरियों का सृजन कर सकते हैं। बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा इन क्षेत्रों को आधिकारिक दर्जा दिए जाने को लेकर पिछले वर्ष सर्वे कार्य शुरू कराया था। इसे लेकर अभी तक कोई बात आगे नहीं बढ़ती दिख रही है। अनियमित औद्योगिक क्षेत्रों को नियमित करने की मांग जीआइए द्वारा लंबे समय से की जा रही है। इस मामले में प्रदेश सरकार को जल्द से जल्द अपने कदम आगे बढ़ाने चाहिए। गुरुग्राम के अनियमित औद्योगिक क्षेत्रों में एक हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं।

जेएन मंगला, अध्यक्ष, गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन यही सही समय है जब अनियमित औद्योगिक क्षेत्रों को नियमित कर माइक्रो, स्माल एंड मीडियम श्रेणी के उद्योगों को संकट से उबारा जाए। कादीपुर, दौलताबाद, बसई और पटौदी रोड औद्योगिक क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इन्हें नियमित कर और समृद्ध बनने का मौका दिया जाए।

दीपक मैनी, प्रदेश महासचिव, फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री

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